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उत्तराखंड के तीन जिलों का आपदा क्षति सर्वेक्षण पूरा, हरिद्वार में रविवार होगा PDNA मूल्यांकन

 

सचिव आपदा प्रबंधन की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक

देहरादून। उत्तराखंड में इस वर्ष मानसून के दौरान आई आपदाओं से हुई वास्तविक क्षति का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा प्रारंभ की गई पोस्ट डिज़ास्टर नीड्स असेसमेंट (PDNA) प्रक्रिया के तहत गठित पहली टीम ने देहरादून, टिहरी और उत्तरकाशी जनपदों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। शनिवार को टीम देहरादून लौटकर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अपने सर्वेक्षण की प्रारंभिक जानकारी प्रस्तुत की।

बैठक में टीम द्वारा तीनों जिलों में किए गए सर्वेक्षण का विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया, जिसमें सार्वजनिक अवसंरचना, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका से जुड़े क्षेत्रों में हुई क्षति का प्रारंभिक आंकलन साझा किया गया। इस बैठक में संबंधित जिलों के जिलाधिकारी भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

सचिव श्री सुमन ने कहा कि इस वर्ष राज्य को भारी वर्षा से गंभीर नुकसान उठाना पड़ा है और PDNA का उद्देश्य इसी क्षति का वास्तविक आकलन कर भारत सरकार से विशेष राहत पैकेज हेतु प्रस्ताव तैयार करना है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में सर्वेक्षण पूरा होने के बाद एक समग्र रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं PDNA प्रक्रिया पर नजर रख रहे हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत व पुनर्वास कार्यों की प्रगति की नियमित जानकारी ले रहे हैं। सचिव ने बताया कि रविवार को हरिद्वार जनपद में PDNA सर्वेक्षण किया जाएगा, जबकि अन्य जिलों में भी प्रक्रिया जारी है।

PDNA सर्वेक्षण के तहत मुख्य रूप से आवासीय क्षति, सड़क, पुल, बिजली, जल आपूर्ति, संचार, कृषि-पशुपालन, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक संरचनाओं एवं आजीविका का मूल्यांकन किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि यह कार्य समयबद्ध, पारदर्शी और सटीक तरीके से हो, ताकि प्रभावितों को शीघ्र राहत और पुनर्वास मिल सके।

सचिव सुमन ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आपदा प्रभावितों की हर जरूरत का तुरंत ध्यान रखा जाए और उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान किया जाए। PDNA रिपोर्ट तैयार होने के बाद राज्य को अपेक्षित केंद्रीय सहायता मिलने से पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यों को तेजी मिलेगी।

बैठक में अपर सचिव एवं पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबेदुल्लाह अंसारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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