उत्तराखण्ड राज्य की भूकम्प पूर्व चेतावनी प्रणाली नेटवर्क की हुयी सराहना
देहरादून, 22 मार्च। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में आयोजित आपदा प्रबंधन की बैठक में जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा एनईआरएमपी (National Earthquake Risk Mitigation Programme) के लिए तैयार किए गए फ्रेमवर्क डाक्यूमेंट में उत्तराखण्ड राज्य की भूकम्प पूर्व चेतावनी प्रणाली नेटवर्क की प्रंशसा की गई है।
एनडीएमए ने कहा है कि भारत में, उत्तराखंड राज्य भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली (यूईईडब्ल्यूएस) नेटवर्क जिसमें अंडाकार आकार के 169 भूकंपीय सेंसर शामिल हैं, जो भारतीय हिमालय के मध्य भूकंपीय अंतराल के एक क्षेत्र उत्तराखंड-धारचूला भूकंप अंतराल में पूर्व-पश्चिम में लगभग 290 किमी और उत्तर-दक्षिण में 120 किमी की बड़ी धुरी के साथ नेटवर्क बनाते हैं। इसकी मजबूत गतियों ने विभिन्न भूकंपों को रिकॉर्ड किया और समर्पित निजी नेटवर्क के माध्यम से रुड़की में केंद्रीय सर्वर पर वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त की।
केंद्रीय सर्वर ने मोबाइल ऐप पर उत्तराखंड की जनता को सूचनाएं और चेतावनी अलर्ट जारी किए द्य ट्रिगर किए गए सेंसर के स्थान, भूकंप के केंद्र और इन घटनाओं में लोगों को मिलने वाले लीड टाइम के साथ चेतावनी जारी करने की एक सफल कहानी है। इन उदाहरणों को भारत के हिमालयी क्षेत्रों के अन्य हिस्सों में भूकंपीय नेटवर्क और भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली के उच्च घनत्व की स्थापना को तर्कसंगत बनाने के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में माना जा सकता है।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने बैठक में नेशनल ग्लेश्यिल लेक आउटबर्स्ट फ्लड रिस्क मिटिगेशन प्रोग्राम (एनजीआरएमपी) के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) को उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से भेजी गई प्रोजेक्ट प्री फिजीबिलिटी रिपोर्ट व राष्ट्रीय भूकम्प जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम की प्राथमिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा की। सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने ग्लेश्यिल लेक आउटब्रस्ट फ्लड पर अर्ली वार्निग सिस्टम पर सीडैक के तकनीकी एवं वित्तीय प्रस्तावों की भी समीक्षा की।