बदरीनाथ व मंगलौर सीट पर चुनाव प्रचार थमा, उत्तराखंड के राजनीतिक समीकरण प्रभावित हो सकते हैँ चुनाव नतीजों से
- दस जुलाई को मतदान, 13 को चुनाव परिणाम
- मुख्यमंत्री ने पोखरी में जनसभा को किया संबोधित
-दिग्पाल गुसाईं –
हरिद्वार/चमोली।उत्तराखंड विधानसभा की बद्रीनाथ और मंगलोर सीट पर हो रहे उप चुनाव के लिए आज सायं प्रचार अभियान थम गया। इन क्षेत्रों में मतदान 10 जुलाई को होना है। दोनों सीटों को प्रतिष्ठा का विषय मानते हुए भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी हुयी है।
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सीएम धामी समेत कांग्रेस के नेताओं गणेश गोदियाल, हरक सिंह समेत अन्य नेताओं ने मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की।
मंगलौर में भाजपा,कांग्रेस व बसपा मुख्य मुकाबले में हैं। बदरीनाथ में कांग्रेस व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। दोनों दलों ने बद्रीनाथ सीट हथियाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है और परिणाम किसी के भी पक्ष में जा सकते हैँ।
इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को पोखरी में भाजपा के लिए वोट मांगे। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरिश रावत, प्रतिपक्ष के नेता यशपाल आर्य, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण महरा, वरिष्ठ नेता गणेश गोदियाल, हरक सिंह रावत, पूर्व विधायक मनोज रावत और प्रोफ़ेसर जीत राम क्षेत्र के तूफानी दौरे कर वहुके हैँ।
मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को पोखरी की जनसभा में कहा कि महेंद्र भट्ट एवं राजेंद्र भंडारी अब दोनो ही साथ मिलकर इस क्षेत्र को आगे बढ़ाएंगे।भंडारी ने बद्रीनाथ विधानसभा के विकास के लिए इस्तीफा दिया है। भंडारी के जीत जाने से इस क्षेत्र के विकास कार्यों को तेजी मिलेगी।
बद्रीनाथ सीट लोक सभा चुनाव के दौरान राजेंद्र भंडारी द्वारा कांग्रेस छोड़ने के साथ ही विधायकी से इस्तीफा देने के बाद खाली हुयी है और मंगलोर सीट बसपा विधायक सर्वत करीम अंसारी के निधन के बाद खाली हुयी थी।
इन दो सीटों पर हो रहे उप चुनाव नतीजों का प्रदेश की राजनीति पर असर पड़ने की संभावना है। कांग्रेस को अपनी बद्रीनाथ सीट बचानी है और मंगलोर हासिल करनी है। जबकि भाजपा को हर हाल में विजय रथ जारी रखना है। अगर बद्रीनाथ सीट नहीं मिली तो मुख्यमंत्री धामी की छवि ओर असर पड़ सकता है, क्योंकि उप चुनाव सदैव सत्ताधारी दल जीतता रहा है।