रिखणीखाल में पात्र लोग वंचित, योजनाओं का लाभ सिर्फ कागजों तक सीमित

–रिखणीखाल से प्रभुपाल रावत–
रिखणीखाल प्रखंड में गरीब और वास्तविक पात्र लोग आज भी प्रधानमंत्री आवास योजना, पशु बाड़ा और बकरी बाड़ा जैसी योजनाओं से वंचित हैं। ग्राम पंचायत द्वारी तोक छाकुली के ग्रामीणों का कहना है कि सर्वेक्षण के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है और पात्र परिवारों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता।
गांव की बीना देवी बताती हैं कि उनके पास न तो रहने योग्य मकान है और न ही पशुओं के लिए गौशाला। जर्जर घर में हर साल प्लास्टिक की पन्नी डालकर काम चलाना पड़ता है। पेयजल संकट भी गंभीर है, ग्रामीण कई किलोमीटर दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं।

ग्रामीण सोहन लाल का कहना है कि उनका पुश्तैनी मकान टूटने की कगार पर है। कई बार आवेदन करने के बावजूद उन्हें अब तक कोई लाभ नहीं मिला। पशु खुले में रहते हैं, जिससे जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है। इसी तरह प्यारी देवी का मकान भी खंडहर हो चुका है, लेकिन मदद कहीं से नहीं मिल रही।
ग्रामीणों ने बताया कि 2021 से शुरू थवाडा-चैबाडा जल जीवन मिशन योजना कछुआ चाल से चल रही है। “हर घर नल, हर घर जल” योजना के तहत टंकी और पाइप तो बिछाए गए, लेकिन पानी आज तक नहीं आया। कई टंकियां पानी भरे बिना ही फट चुकी हैं। मजबूरन ग्रामीणों को गधेरे से पानी ढोना पड़ता है।

गांव के लोगों का कहना है कि अधिकांश वंचित परिवार अनुसूचित जाति से हैं। जब तक ग्रामीण जीवन की बुनियादी समस्याएं हल नहीं होतीं, प्रदेश को खुशहाल नहीं कहा जा सकता।
इधर पंचायत चुनाव भी औपचारिकता बनकर रह गए हैं। चुनाव हो चुके हैं, लेकिन कई सदस्यों के शपथ ग्रहण न करने से पंचायतों का गठन अधर में लटका है। नवनिर्वाचित प्रधान भी बिना अधिकार और संसाधन के असहाय हैं।
