नन्दादेवी बायोस्फियर रिजर्व के निदेशक के विरुद्ध कर्मचारी आंदोलन तेज
दफ्तरों में ताले डाल कर धरना प्रदर्शन : विवादों से निदेशक का चोली दामन का नाता, कर्मचारी तबादले की मांग पर अड़े
गोपेश्वर, 13 मार्च (एमएस गुसाईं) । जैव विविधता के भंडार नन्दादेवी बायोस्फियर रिजर्व गोपेश्वर के मौजूदा वन संरक्षक एवं निदेशक एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। वैसे विवादों से उनका चोली दामन का नाता सा है। वर्ष 2012 – 13 में जब वे हल्द्वानी में डीएफओ पद पर थे, तब भी उनके विरुद्ध विभागीय कार्मिक लामबंद हुए थे और सरकार को उन्हें स्थानांतरित करना पड़ा था। वर्ष 2018 में फिर उसी तरह की परिस्थितियां अल्मोड़ा में बनी और वहां भी कार्मिकों ने उनके विरुद्ध आंदोलन किया।
उसके बाद वे पौड़ी में वन संरक्षक पद पर आए तो हालात फिर वैसे ही बने लेकिन तब मामला मैनेज हो गया था किंतु गोपेश्वर में उनकी तैनाती के दौर में तमाम कर्मचारी तीखे तेवरों के साथ आंदोलनरत हैं और फिलहाल लग नहीं रहा कि मामला मैनेज हो पाएगा क्योंकि कार्मिकों के साथ उनकी एक दौर की वार्ता विफल हो गई है और फिलहाल वन विभाग के दफ्तरों पर ताले लटके हुए हैं। सूत्रों की मानें तो चर्चित निदेशक हाल में राजधानी में आला अफसरों से मिल कर लौटे हैं तथा उनके लौटते ही कर्मचारियों का आंदोलन भी तेज हो गया है।
वन कार्मिकों का आंदोलन ऐसे समय पर हो रहा है जब गर्मी की दस्तक के साथ वनाग्नि का खतरा सिर पर है। कुछ दिन पूर्व जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी हो चुकी हैं लेकिन संयोगवश हुई बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात ने आग लगने की घटनाओं पर विराम लगा दिया किंतु अब जिस तरह तेजी से तापमान बढ़ा है, साथ ही वन कार्मिकों के तेवर तीखे हुए हैं, उससे खतरे की आशंका बढ़ गई है।
अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों ने उन पर अनावश्यक उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए उनका चमोली से स्थानांतरण किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन चलाया हुआ है।उसके लिए वन विभाग के कार्मिकों ने संयुक्त मोर्चा संघर्ष समिति का गठन किया है। इस समिति के बैनर तले नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय के साथ ही रेंज कार्यालय जोशीमठ एवं गोविंदघाट में तालाबंदी कर कार्यबहिष्कार शुरू कर दिया गया है।निदेशक पर अपने अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अनावश्यक रूप से उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए संयुक्त कर्मचारी संगठन ने 12 मार्च को प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय के साथ ही प्रभाग के रेंज कार्यालयों पर तालाबंदी कर कार्यबहिष्कार करने एवं धरना दिए जाने की चेतावनी दी थी।
इसी के तहत बुधवार को पहले अधिकारियों व कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए तालाबंदी की उसके बाद रेंज कार्यालय जोशीमठ एवं गोविंदघाट में भी तालाबंदी करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। धरना स्थल पर वक्ताओं ने निदेशक पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके द्वारा लंबे समय से अधीनस्थ कार्मिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। वक्ताओं ने वन महकमे के उच्चाधिकारियों के साथ ही शासन से तत्काल निदेशक का चमोली जिले से अन्यत्र स्थानांतरण करने की मांग करते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
इस मौके पर संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रकाश नेगी, उपाध्यक्ष सुधांशु कपरवान, महामंत्री कुलदीप खण्डूडी, सचिव सुमित बिष्ट, सह सचिव रमेश सिंह, कोषाध्यक्ष तबरेज अली, सह कोषाध्यक्ष गौरव सेमवाल, संगठन मंत्री विनय कुमार कोहली, मनोज मैठाणी, जमरूद अली, देवेन्द्र सिंह मीडिया प्रभारी संदीप कुमार, अमित रावत, रणजीत सिंह बर्त्वाल, सन्दीप कण्डारी आदि ने विचार व्यक्त किए।