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तीन साल से नीचे खिसक रहा है पोखरी का किणजाणी गांव ; शासन प्रशासन बेखबर

– राजेश्वरी राणा की रेपोर्ट-

पोखरी, 17 मार्च । इस विकास खण्ड का  किणजाणी गांव भूस्खलन के कारण गत तीन वर्षों से लगातार खिसकता जा रहा है, लेकिन इस संकटग्रस्त गांव की  सुध लेने की फुर्सत शासन -प्रशासन के पास नहीं है।

प्रशासन को भेजे एक ज्ञापन में किणजाणी के ग्रामीणों ने कहा है कि गांव के नीचे विगत तीन वर्षों से लगातार हो रहे भूस्खलन से गांव के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है । दिन प्रतिदिन यह भूस्खलन बढ़ता ही जा रहा है । वर्षांत के समय तो और तेज गति से बढ़ता ही जा रहा है । गांव के 100 से अधिक परिवार भय के साये मे रात्रि गुजारने को मजबूर हैं। कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है

ग्रामीणों द्बारा बार बार शासन प्रशासन के उच्चाधिकारियों और क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों को इस बावत लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराया गया , लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिस कारण ग्रामीण आहत और परेशान हैं ।

वहीं केदारनाथ उप चुनाव के समय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्य सभा सांसद महेन्द्र प्रसाद भट्ट, मुख्यमंत्री के सलाहकार दलवीर  दानू, वर्तमान क्षेत्रीय विधायक आशा नौटियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत सहित तमाम दिग्गज नेताओं ने गांव का भ्रमण कर ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि जल्द ही ग्रामीणों के विस्थापन की कार्यवाही अमल लायी जायेगी और गांव के नीचे हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए सुरक्षात्मक कार्य किये जायेगे । लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई।

इन ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि तत्काल किणजाणी गांव के नीचे हो रहे भूस्खलन को रोकने के लिए सुरक्षात्मक कार्य करवाये जाय या ग्रामीणों के विस्थापन के लिए कार्यवाही अमल में लायी जाय वरना ग्रामीण व्यापक स्तर पर जन आंदोलन छेड़ने को विवश होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

ज्ञापन भेजनें वालों में धर्मेन्द्र सिंह विष्ट , बासुदेव नेगी, राहुल सिंह, सज्जन बिष्ट, पुष्कर सिंह, रणजीत नेगी, बलवीर विष्ट, सुरेन्द्र विष्ट, शिव सिंह, सुरजीत सिंह, मनोजि सिंह, सुधीर विष्ट, आशुतोष नेगी , महिला मंगल दल अध्यक्ष बीना देवी, सुनीता विष्ट सहित तमाम ग्रामीण शामिल हैं ।

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