राज्य स्थापना की रजत जयंती पर सभी पुलिसकर्मियों को मिलेगा विशेष पदक : मुख्यमंत्री धामी

आवासीय भवन निर्माण के लिए तीन वर्षों तक प्रतिवर्ष 100 करोड़ की घोषणा
देहरादून, 21 अक्तूबर। राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में उत्तराखण्ड पुलिस के सभी कार्मिकों को विशेष रजत जयंती पदक प्रदान किया जाएगा। साथ ही पुलिस कर्मियों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए आगामी तीन वर्षों तक प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये की धनराशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को पुलिस लाइन, देहरादून में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस समारोह में यह घोषणाएँ कीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस एवं अर्द्धसैनिक बलों के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और शहीद पुलिस जवानों के परिजनों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस बल को अधिक सक्षम और संसाधनयुक्त बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने पुलिस कल्याण निधि की राशि को बढ़ाकर ढाई करोड़ से साढ़े चार करोड़ रुपये किए जाने तथा एसडीआरएफ के लिए भवाली, नैनीताल, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी और अन्य स्थानों पर 5 नई बैरकों के निर्माण की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों के पुलिस बलों और अर्द्धसैनिक जवानों पर है। बीते एक वर्ष में देशभर में 186 जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया, जिनमें उत्तराखंड पुलिस के चार वीर सपूत भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उनका बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में पुलिस भवनों के निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिससे 688 आवासीय भवन बन रहे हैं। जल्द ही 120 नए आवासों का निर्माण भी शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में सरकार ने जवानों के बैरक, मैस और कार्यस्थलों के आधुनिकीकरण हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई है।
उन्होंने बताया कि नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के लिए 5 करोड़ रुपये, और स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत सभी पुलिस कर्मियों को कैशलैस चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस वर्ष 356 पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई है और 215 कर्मियों को उत्कृष्ट कार्य हेतु पदक व सम्मान चिन्हों से सम्मानित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की क्षमता वृद्धि के लिए राज्य सरकार प्रशिक्षण संस्थानों को मजबूत कर रही है। पीटीसी नरेंद्रनगर को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित किया जा रहा है तथा पुलिस कर्मियों को एआई और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों के वेतन, भत्ते, चिकित्सा प्रतिपूर्ति और अवकाश से जुड़ी सभी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन कर दी गई हैं। आपदा राहत कार्यों को प्रभावी बनाने के लिए एसडीआरएफ की एक नई कंपनी की स्वीकृति दी गई है, जिसमें 162 नए पदों का सृजन हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष मृतक आश्रित कोटे के अंतर्गत 136 आश्रित परिवारों को नियुक्तियां दी गई हैं। राज्य में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए “उत्तराखण्ड खेल नीति” के अंतर्गत पुलिस विभाग में विशेष कोटे से भर्ती का प्रावधान किया गया है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि जवानों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने कांवड़ यात्रा में 4 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं और चारधाम यात्रा में 50 लाख से अधिक भक्तों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की। प्राकृतिक आपदाओं में भी पुलिस ने अदम्य साहस का परिचय देकर अनेक लोगों की जान बचाई।
उन्होंने कहा कि बदलते समय में अपराधों का स्वरूप बदल रहा है, जिससे पुलिस की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक फोर्स बनाई है, जिसने पिछले तीन वर्षों में 6199 से अधिक तस्करों पर कार्रवाई करते हुए 275 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए हैं।
साइबर अपराधों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आज सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। उत्तराखंड पुलिस ने साइबर फ्रॉड के मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए 63 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पीड़ितों को लौटाई है, जिससे जनता का पुलिस पर विश्वास और मजबूत हुआ है।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, विधायक श्री खजान दास, श्री बृजभूषण गैरोला, श्रीमती सविता कपूर, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, डीजीपी श्री दीपम सेठ, पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पूर्व डीजीपी श्री अनिल रतूड़ी सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
