भारत में हर साल सड़क हादसों में करीब डेढ़ लाख अकाल मौत
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडी में सीसीएसआईटी और यातायात पुलिस, मुरादाबाद की ओर से रोड
सेफ्टी अवेयरनेस प्रोग्राम के तहत प्रोग्राम
खास बातें :
- डीआईजी श्री मुनिराज ने सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाओं के कारण भी गिनाए
- बेस्ट ड्राइवर की मानसिकता को त्याग दें : एसएसपी श्री हेमराज मीना
- मेरे बच्चों, दुनिया में जीवन सबसे अनमोल: कुलाधिपति श्री सुरेश जैन
- स्पीड थ्रिल्स, बट स्पीड किल्स: एफओसीएस के डायरेक्टर प्रो. आरके द्विवेदी
मुरादाबाद, 7 नवंबर ( प्रो० भाटिया ) बतौर मुख्य अतिथि डीआईजी मुरादाबाद, श्री मुनिराज बोले- रोड नेटवर्क दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा
नेटवर्क है । भारत में हर साल सड़क हादसों में करीब डेढ़ लाख अकाल मौत हो जाती हैं जिसमें 10 फीसदी से ज्यादा मौतें सीट बेल्ट के न लगाने से हो जाती हैं। सर्वाधिक दुर्घटनाएं मोटर साईकिल से होती हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग हेलमेट का उपयोग नहीं करते हैं । सड़क हादसों के मुख्य कारन गिनाते हुए बोले, ज्यादा शराब पीकर गाड़ी चलाना, ओवर स्पीड से गाड़ी चलाना, रोंग साइड गाड़ी चलाना, 18 साल से कम उम्र के युवाओं का ड्राविंग सीट पर बैठना, सिग्नल की अनदेखी करना, गाड़ी चलाते हुए मोबाइल का प्रयोग करना । उन्होंने अफसोस जतात्ते हुए कहा, युवाओं को बेसिक नियमों की जानकारी घर से नहीं मिलती, इसीलिए यातायात पुलिस को नियमों का कड़ाई से पालन करवाना पड़ता है । तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के ऑडी में सीसीएसआईटी और यातायात पुलिस, मुरादाबाद की ओर से रोड सेफ्टी अवेयरनेस प्रोग्राम के तहत आयोजित प्रोग्राम में बतौर मुख्य अतिथि डीआईजी श्री मुनिराज बोल रहे थे। इससे पूर्व माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जलित करके कार्यकर्म का शुभारम्भ हुआ।
इस मौके पर बतौर स्पेशल गेस्ट एसएसपी श्री हेमराज मीना, टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, बतौर गेस्ट ऑफ़ ऑनर एडिशनल एसपी ट्रैफिक श्री एससी गंगवार, बतौर की नोट स्पीकर सीओ हाईवे श्री महेश सी. गौतम, बतौर की नोट स्पीकर डीएसपी सीओ ट्रैफिक डॉ अनूप सिंह, एफओसीएस के डायरेक्टर प्रो. आरके द्विवेदी, प्रॉक्टर प्रो. आरसी त्रिपाठी आदि की गरिमाई मौजूदगी रही । सभी अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया गया। अंत में सभी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया । संचालन स्टुडेंट्स- देवांश मिश्रा और खुशबू खन्ना ने किया। सीसीएसआईटी के स्टुडेंट्स ने रोड सेफ्टी एंड ट्रैफिक अवेयरनेस पर एक नाटिका भी प्रस्तुत की।
एसएसपी मुरादाबाद श्री हेमराज मीना ने बतौर स्पेशल गेस्ट मौजूं सवाल उठाते हुए कहा, सड़क हादसों के डेटा का पार्ट बनना है या अच्छा जीवन जीना चाहते हैं। आपका जिंदा रहना ज्यादा जरुरी है। नई तकनीकी की जानकारी को चालक यूजर मेनुअल अवश्य पढ़े। बोले, सीट बेल्ट ना लगाने पर बैलून भी मददगार नहीं होगा । ऐसे में अपने वाहन की बारीकियां और तकनीकी को जाने। बेस्ट ड्राइवर की
मानसिकता को त्याग दें । दो पहिया वाहन चालकों को हिदायत दी, वे हेलमेट अवश्य लगाएं। टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन यूनिवर्सिटी के स्टुडेंट्स से बोले, दुनिया में जीवन सबसे अनमोल है । सड़क हादसों में यदि युवाओं की मौत हो जाती है तो उसके परिजनों के अरमान बिखर जाते हैं । हाल ही में सीसीएसआईटी के स्टुडेंट विमल की सड़क हादसे में मौत का भी जिक्र किया। अंत में उन्होंने यूनिवर्सिटी
के ऑडी में मौजूद सैंकड़ों स्टुडेंट्स से ट्रैफिक रूल्स को कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी। एफओसीएस के डायरेक्टर प्रो. आरके द्विवेदी ने युवाओं को सावधान करते हुए कहा, वे अपनी एनर्जी को नियंत्रित करें । यह स्वतन्त्रता का अमृत काल है। पाजिटिविटी के संग आगे बढना होगा। कभी नहीं की अपेक्षा लेट होना बेहतर है। इसमें कोई शक नहीं, स्पीड थ्रिल्स यानी रोमांचकारी हो सकती है, बट स्पीड किल्स। हमे यह नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने सड़क हादसों के आंकड़ों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में दीगर वक्ताओं ने कहा, ड्राविंग करते वक्त हेलमेट और सीट बेल्ट जीवन का अभिन्न अंग हैं , इसीलिए इसे कभी भी लगाना ना भूलें । यातायात के नियमों का पालन करके हम अपने परिवार के साथ साथ दूसरे परिवार के लोगों की सुरक्षा एवं जीवन रक्षा करें । यातायात नियम और कुछ नहीं, बल्कि सिविक सेंस ही हैं । इससे हम सड़क सुरक्षा और जीवन रक्षा कर सकते हैं । सड़क सुरक्षा हम सभी के लिए बेहद जरुरी है । कोरोना से अधिक मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं । ट्रैफिक रूल्स तो मानने ही हैं, क्योंकि सड़क दुर्घटनाओं से परिवारों पर जो आपदा आती है, इससे परिवार के परिवार बिखर जाते हैं। हमें लोगों को शिक्षित करने की आवश्यकता है । सड़क हादसों को कमतर करने के लिए हम हर वर्ष नवम्बर में यातायात माह का आयोजन करते हैं, जिसके अंतर्गत लोगों को शिक्षित एवं जागरूक करते हैं। टीएमयू में आयोजित यह कार्यक्रम इसी की एक कड़ी है। आपको डरने की जरुरत नहीं हैं।सड़क हादसे के परिचित या अपरिचित को तुरंत ही अस्पताल पहुँचाने में मदद करें। यदि संसधानों का अभाव हो तो तुरंत 108 नंबर से मदद ले आपको कोई भी अस्तपताल मरीज को भर्ती करने मना नही कर सकता। उल्लेखनीय है, पीपीटी के जरिए यूपी और देश के 2019 से लेकर 2023 तक के पांच साला सड़क हादसों के तुलनात्मक आंकड़े पेश किए गए । कार्यक्रम में प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना, डॉ. विवेक कुमार, डॉ. संदीप वर्मा, डॉ. शम्भू भारद्वाज, आदित्य जैन, डॉ. शालिनी जेड निनोरिया, श्रीमती शिखा गम्भीर, श्रीमती नीरज कुमारी, डॉ. रंजना शर्मा आदि की भी उपस्थिति रही।