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पुरोला के पूर्व विधायक राजेश जुवांठा का निधन

लंबी बीमारी से जूझते हुए 49 वर्ष की आयु में चल बसे

उत्तरकाशी, 22 दिसंबर : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राजेश जुवांठा (49) का आज देहरादून के एक निजी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही पुरोला सहित पूरे उत्तरकाशी जनपद में शोक की लहर दौड़ गई। सोमवार सुबह यह दुखद समाचार फैलते ही राजनीतिक, सामाजिक और जनसामान्य वर्ग में गहरा सदमा पहुंचा।

बताया जा रहा है कि राजेश जुवांठा बीते कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। वे देहरादून में उपचाराधीन थे, जहां चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद आज उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की छाया मंडराने लगी है।

राजनीतिक सफर और योगदान

राजेश जुवांठा ने वर्ष 2007 में कांग्रेस के टिकट पर पुरोला विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में चुनाव जीता था। बाद के वर्षों में वे भाजपा से जुड़ गए और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हो गए। विधायक रहते हुए उन्होंने पुरोला क्षेत्र के विकास, बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और जनसमस्याओं के समाधान को हमेशा प्राथमिकता दी। उनकी सहजता, सरल व्यवहार और मिलनसार स्वभाव के कारण वे आम जनता के बीच बेहद लोकप्रिय थे। क्षेत्रीय मुद्दों पर उनकी सक्रियता ने उन्हें एक समर्पित जननेता के रूप में स्थापित किया।

वे एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता स्वर्गीय बर्फियां लाल जुवांठा उत्तर प्रदेश सरकार में पर्वतीय विकास मंत्री रह चुके थे, जबकि उनकी माता विकासनगर नगर पालिका की पालिकाध्यक्ष रह चुकी हैं। परिवार में एक भाई हैं, जो वर्तमान में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं, तथा दो बहनें हैं। वे अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए हैं।

शोक संदेशों की भरमार

उनके निधन पर भाजपा नेताओं के साथ-साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उत्तरकाशी जिले के विधायक महेंद्र भट्ट ने एक संवेदना संदेश में कहा, “जनपद उत्तरकाशी की विधानसभा पुरोला के पूर्व विधायक श्री राजेश जुवांठा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। ईश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें तथा शोकाकुल परिजनों को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करें।” सभी ने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में धैर्य प्रदान करने की कामना की।

पूरे क्षेत्र में मातम का माहौल है, और उनके पार्थिव शरीर को उत्तरकाशी लाने की प्रक्रिया चल रही है। अंतिम संस्कार की व्यवस्थाएं तय की जा रही हैं। राजेश जुवांठा का निधन न केवल पुरोला के लिए, बल्कि उत्तराखंड की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है।

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