पर्यावरण

उत्तराखंड के आबकारी विभाग पर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने का आरोप

देहरादून, 9 जनवरी। सामाजिक कार्यकर्ता व कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने उत्तराखंड के आबकारी  विभाग पर प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के 150 करोड़ होलोग्राम (लेवल) मंगा कर पर्यावरण को अपूरणीय क्षति पहुँचाने का आरोप लगाया है।

देहरादून प्रेस क्लब में पर्यावरणविद स्वर्गीय पद्म विभूषण सुंदर लाल बहुगुणा जी की जयंती के अवसर पर अभिनव थापर ने पत्रकारों को बताया कि आबकारी विभाग उत्तराखंड ने गत 20 नवंबर को उत्तराखंड में शराब की बोतलों में लगने वाली होलोग्राम का टेंडर निकाला जिसमे उन्होंने पॉलिस्टर Plastic युक्त 36 माइक्रोन के होलोग्राम की मुख्य मांग रखी। जबकि केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 30 जून 2022 को जारी गाइडलाइन के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) 100 माइक्रोन से कम पर संपूर्ण रूप से प्रतिबंधित है।

और इन बिंदुओं पर

कांग्रेस नेता अभिनव थापर ने गत 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री, आबकारी विभाग व उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रणन्बोर्ड और 23 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  को पत्र दिया और उत्तराखंड में 150 करोड़ प्रतिबंधित Non–Biodegradable Plastic से होने वाले नुकसान के बारे मे अवगत कराया और इस टेंडर को निरस्त करने के लिए प्रत्यावेदन दिया। उक्त पत्र द्वारा राज्य सरकार को भारत सरकार के पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की उल्लेखित गाइडलाइंस SUP Ban को आबकारी विभाग द्वारा दरकिनार करते हुए 18 दिसंबर 2023 को 5 वर्षो में 150 करोड़ Plastic लेबल के हजारों कुंतल प्लास्टिक का टेंडर खोला गया और हैरतअंगेज रूप से कार्य की प्रक्रिया गतिमान है।

थापर ने पत्रकारों को बताया कि यह  वो खतरनाक plastic है जिसकों  पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) भारत सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली व स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा भी प्रतिबंधित-Ban किया गया है।  फिर भी राज्य सरकार ने शायद किसी अनैतिक लाभ के लिए इन सब नियम कानून और प्रधान मोदी नरेंद्र मोदी के आदेशों का भी उलंघन करते हुए उत्तराखंड के पर्यावरण के लिये यह प्लास्टिक-जहर का कार्य करने का निर्णय लिया है।
थापर ने आशंका जताई कि इस टेंडर के जारी होने के बाद उत्तराखंड की गंगा– यमुना जैसी तमाम नदीयों, वन आदि में प्रतिबंधित SUP (Single Use Plastic) के Non biodegradable 150 करोड़ प्लास्टिक लेबल पर्यावरण में जहर की तरह घुल जाएंगे । इन होलोग्राम से न सिर्फ उत्तराखंड के पर्यावरण को घोर अपूर्णीय क्षति होने वाली है बल्कि प्रदेश के वन्य जीव , नदियों, झीलें, ग्लेशियर और अन्य पर्यावरणीय क पर गंभीर तरीके से संकट खड़ा होने वाला है। यह चिंतनीय विषय है की अगले 5 सालो में जब 150 करोड़ प्रतिबंधित प्लास्टिक लेबल जो, हजारों कुंतल प्लास्टिक होगी, जब वो हमारे वातावरण में जहर की तरह घुलेगी तो हिमालय के ग्लेशियर और नदियों पर कितना बुरा असर पड़ेगा और उत्तराखंड के हिमालय और नदियों से भारत के पर्यावरण को इसके नुकसान की चपेट में आयेगा।
थापर ने कहा कि स्वर्गीय पर्यावरणविद पद्म विभूषण सुंदर लाल बहुगुणा  के राज्य में  पर्यावरण की घोर उपेक्षा सहन नहीं की जाएगी और उत्तराखंड के पर्यावरण को बचाने की लड़ाई लड़ने के साथ पूरे प्रदेश भर में आंदोलन खड़ा करेंगे तथा न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे। प्रेस वार्ता में देवेंद्र नौडियाल, व डॉ नितेन्द्र डंगवाल ने भाग लिया ।

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