देहरादून में अब अचिह्नित स्थानों पर आवारा कुत्तों को खिलाने पर ₹5,000 का जुर्माना
देहरादून नगर निगम ने शहर में कुत्ता समस्या से निपटने के लिए नई नीति लागू की
देहरादून: देहरादून नगर निगम (डीएमसी) ने गत बोर्ड बैठक में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एक चार-बिंदु नीति को मंजूरी दी। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश के अनुपालन में लिया गया है, जिसमें सभी नगर निगमों को कुत्तों के लिए निर्धारित फीडिंग प्वाइंट बनाने, एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) कार्यक्रम को सुदृढ़ करने और आवारा कुत्तों के नियमित टीकाकरण व नसबंदी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे।
नई नीति के तहत अब अनिर्दिष्ट स्थानों पर कुत्तों को खिलाने वालों पर ₹5,000 का जुर्माना लगाया जाएगा। पालतू कुत्तों का पंजीकरण न कराने, टीकाकरण में लापरवाही बरतने, या सार्वजनिक स्थानों पर मल-मूत्र करने देने पर भी समान राशि का दंड लगेगा। इसके अलावा पट्टे के बिना कुत्ते को खुला छोड़ने पर ₹3,000 का अलग जुर्माना लगाया जाएगा।
पालतू मालिकों और पशु-प्रेमियों की आपत्तियां
कई पालतू मालिकों का कहना है कि ये नियम केवल जुर्माना वसूलने तक सीमित हैं और शहर में आवश्यक सुविधाओं की कमी को नजरअंदाज करते हैं।
विशेषज्ञों की राय :
एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की सदस्य रुबिना नितिन अय्यर ने कहा,
> “पूरे शहर में केवल 25 फीडिंग प्वाइंट पर्याप्त नहीं होंगे। इसके लिए उन नियमित भोजन कराने वालों से परामर्श जरूरी है जो आवारा कुत्तों के व्यवहार को समझते हैं। पालतू पशुओं के लिए नियम पहले से मौजूद हैं, जरूरत है उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने की। सबसे अधिक ज़रूरत ABC कार्यक्रम को मजबूत करने की है।”
डीएमसी की योजना
डीएमसी अधिकारियों ने बताया कि नई नीति के तहत अवसंरचना को सुदृढ़ करने के प्रयास किए जाएंगे। वर्तमान में 72 केनेलों की संख्या बढ़ाकर 100 से 200 तक की जाएगी। अब तक साल में एक बार होने वाला टीकाकरण अभियान बढ़ाकर तीन बार किया जाएगा।
नगर निगम के मेयर सौरभ थपलियाल ने कहा,
> “हम शहर में पालतू और आवारा जानवरों की सुरक्षा के साथ-साथ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अवसंरचना का पुनर्निर्माण कर रहे हैं। पालतू मालिकों से भी जिम्मेदाराना व्यवहार अपेक्षित है। हर स्थान पर शेल्टर बनाना संभव नहीं, इसलिए सामुदायिक प्रथाओं के अनुसार फीडिंग प्वाइंट विकसित किए जाएंगे। टीकाकरण और नसबंदी अभियान को तेज किया जाएगा और नियमों का कड़ाई से पालन होगा।”
मेयर ने यह भी स्पष्ट किया कि इस नीति का उद्देश्य पशु-प्रेमियों या पालतू मालिकों को परेशान करना नहीं, बल्कि मानव-जानवर संघर्ष को कम करना, सार्वजनिक सुरक्षा बढ़ाना और शहर में स्वच्छता बनाए रखना है।
