जंगल की आग: पर्यावरण का नाश और सौर ऊर्जा उत्पादन में भी बाधक
— जयसिंह रावत
गर्मी के मौसम में जंगल की आग अब केवल पेड़ों और वन्यजीवों को ही नहीं लील रही, बल्कि यह भारत की ऊर्जा व्यवस्था पर भी साया डाल रही है। एक नए वैज्ञानिक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि जंगल की आग से उठने वाला धुआं और कण वायुमंडल में फैलकर सूरज की रोशनी को रोकते हैं, जिससे सौर ऊर्जा संयंत्रों का उत्पादन प्रभावित होता है। ऐसे में यह संकट न केवल पर्यावरणीय बल्कि आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा से भी जुड़ गया है।
भारत जैसे देश, जहां सौर ऊर्जा को भविष्य की स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा के रूप में देखा जा रहा है, वहां यह एक नई चुनौती बनकर उभरी है। आमतौर पर बादल, धूल और प्रदूषण को सौर ऊर्जा में रुकावट के रूप में देखा जाता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने जंगल की आग को भी एक बड़े कारक के रूप में चिन्हित किया है।
क्यों घट जाती है सौर ऊर्जा?
जब जंगलों में आग लगती है, तो हवा में बहुत अधिक मात्रा में धुआं, राख और छोटे-छोटे कण (जिसे वैज्ञानिक भाषा में एयरोसोल कहते हैं) फैल जाते हैं। ये कण सूरज की रोशनी को धरती तक पहुंचने से रोकते हैं। नतीजा यह होता है कि सौर ऊर्जा संयंत्रों तक पर्याप्त धूप नहीं पहुंच पाती और बिजली का उत्पादन कम हो जाता है।
यह बात उत्तराखंड के नैनीताल स्थित आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (ARIES) और ग्रीस के नेशनल ऑब्जर्वेटरी ऑफ एथेंस (NOA) के वैज्ञानिकों ने अपने एक संयुक्त अध्ययन में उजागर की है। इस अध्ययन को अमेरिका की प्रतिष्ठित संस्था जेट प्रोपल्शन लैबोरेटरी (JPL), कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने भी सहयोग दिया।
अध्ययन की प्रमुख बातें
इस अध्ययन में जनवरी से अप्रैल 2021 तक के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इस दौरान भारत के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर जंगलों में आग लगी थी। वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट से मिले आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए पाया कि:
एयरोसोल ऑप्टिकल डेप्थ (Aerosol Optical Depth – AOD) की मात्रा 1.8 तक पहुंच गई थी। यह बताता है कि वातावरण में धूल और धुएं की कितनी सघनता थी।
इस दौरान जमीन की सतह पर गिरने वाली कुल सौर विकिरण (Global Horizontal Irradiance – GHI) में भारी गिरावट आई।
जो सीधी सूरज की रोशनी (Beam Horizontal Irradiance – BHI) पहले 100% मिलती थी, वह घटकर कई जगहों पर 0 से 45% तक ही रह गई।
इसका सीधा असर यह हुआ कि सौर ऊर्जा उत्पादन घट गया। और जब बिजली उत्पादन कम होगा, तो न केवल ऊर्जा की कमी होगी, बल्कि बिजली कंपनियों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
जंगल की आग का असर केवल पर्यावरण पर नहीं
भारत में हर साल हजारों हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आते हैं। पर्यावरण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में देशभर में लगभग 35,000 जंगल की आग की घटनाएं दर्ज की गईं। इससे वन्यजीवों और जैव विविधता को नुकसान होता है, लेकिन अब यह भी स्पष्ट हो गया है कि इसका असर हमारी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास पर भी पड़ रहा है।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने 2022 तक 100 गीगावॉट सौर क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से अब तक लगभग 70% ही हासिल हो पाया है। यदि जंगल की आग और प्रदूषण जैसे कारक लगातार उत्पादन घटाते रहेंगे, तो यह लक्ष्य और भी दूर होता जाएगा।
समाधान क्या है?
इस अध्ययन के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. उमेश चंद्र डुमका कहते हैं कि यह जानकारी नीति-निर्माताओं के लिए बहुत जरूरी है। अगर बिजली कंपनियों और ग्रिड ऑपरेटरों को यह पहले से मालूम हो कि किसी इलाके में जंगल की आग के कारण उत्पादन घट सकता है, तो वे वैकल्पिक उपाय पहले से कर सकते हैं, जैसे कि दूसरे स्रोतों से बिजली की व्यवस्था करना।
इसके अलावा, सरकार को चाहिए कि जंगल की आग को रोकने के लिए ठोस नीतियाँ बनाएं.जैसे कि स्थानीय वन विभागों को बेहतर प्रशिक्षण देना, आग पर नजर रखने के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग बढ़ाना और ग्रामीण इलाकों में जागरूकता फैलाना।
जलवायु परिवर्तन की एक और चेतावनी
जंगल की आगें जलवायु परिवर्तन की एक बड़ी निशानी भी हैं। जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है और बारिश के पैटर्न बदल रहे हैं, वैसे-वैसे जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। भारत के पहाड़ी राज्यों—जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के राज्य—अब आग की बढ़ती घटनाओं से जूझ रहे हैं। यह शोध हमें यह भी बताता है कि जलवायु परिवर्तन केवल पिघलते ग्लेशियर या बढ़ते समुद्री स्तर तक ही सीमित नहीं है। इसका असर हमारी ऊर्जा, अर्थव्यवस्था और सामाजिक स्थिरता तक पड़ सकता है।
साफ है कि जंगल की आग अब केवल वन्यजीवों की चिंता नहीं रह गई है। यह भारत जैसे विकासशील देश की ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक योजनाओं और जलवायु नीति का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। यदि हमें सौर ऊर्जा पर भरोसेमंद और स्थायी भविष्य बनाना है, तो जंगल की आग जैसी “अदृश्य” बाधाओं को गंभीरता से लेना होगा।
स्रोत:
Dumka, U. C. et al. (2022). Can Forest Fires Be a Key Contributor to the Decline in Solar Power Generation in India? Remote Sensing, 14, 549.
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