AI जनरेटेड वीडियो को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने साइबर क्राइम थाने में दी तहरीर

देहरादून, 23 दिसंबर। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने खिलाफ कथित रूप से प्रसारित किए जा रहे एक आपत्तिजनक AI जनरेटेड वीडियो को लेकर थाना साइबर क्राइम, देहरादून में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी छवि धूमिल करने और समाज में वैमनस्य फैलाने के उद्देश्य से यह वीडियो जानबूझकर तैयार कर प्रचारित किया जा रहा है।
तहरीर में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह उत्तराखंड राज्य के सम्मानित मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं और वर्तमान में सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं। उनके अनुसार, भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड से जुड़े एक आधिकारिक सोशल मीडिया पेज के माध्यम से AI तकनीक का प्रयोग कर एक भ्रामक और आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित किया गया है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम समुदाय के संबंध में आपत्तिजनक शब्दों और चित्रों का प्रयोग किया गया है। इससे दोनों समुदायों के बीच असंतोष और असामंजस्य की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है।

हरीश रावत ने तहरीर में उल्लेख किया है कि 18 दिसंबर 2025 को उनके संज्ञान में आया कि उक्त वीडियो उत्तराखंड के एक आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से पोस्ट किया गया है, जिसे भाजपा के राज्य अध्यक्ष एवं अन्य सहयोगी सदस्यों द्वारा संचालित किया जाता है। वीडियो में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के साथ-साथ भारत की सामाजिक एकता और अखंडता को खतरे में डालने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वीडियो में उन्हें आपत्तिजनक तरीके से चित्रित कर ‘मुझे राष्ट्रद्रोही दर्शाने’ का प्रयास किया गया, जिससे उन्हें गहरा मानसिक आघात पहुंचा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस वीडियो से उनका किसी भी प्रकार का कोई लेना-देना नहीं है और यह पूरी तरह दुर्भावनापूर्ण मंशा से तैयार किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने साइबर क्राइम थाने से मांग की है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी रिपोर्ट दर्ज कर संबंधित धाराओं में आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए। तहरीर के साथ उन्होंने संबंधित वीडियो की कॉपी/लिंक, स्क्रीनशॉट और सोशल मीडिया हैंडल्स का विवरण भी संलग्न किया है।
साइबर क्राइम पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू किए जाने की संभावना है, जबकि इस प्रकरण ने राज्य की राजनीति में भी हलचल तेज कर दी है।
