ब्लॉग

गरीबी और अमीरी के बीच अति गहरी खाई के लिये याद रहेगी उत्तराखण्ड की चौथी विधानसभा

सार 

  • विधायकों की सम्पत्ति में 80 करोड़ का अन्तर
  • सतपाल महाराज सबसे अमीर
  • भाजपा के ही राजेश शुक्ला दूसरे बड़े अमीर
  • सालाना आमदनी ही 83 लाख पार
  • सबसे गरीब अनुसूचित जाति और जनजाति के विधायक
  • वोटर और विधायक की आय में भी 80 लाख का अंतर
  • अमीर पार्टी के अमीर विधायक
  • अपराधिक पृष्ठभूमि में भी भाजपाई पीछे नहीं

जयसिंह रावत

उत्तराखण्ड की चौथी विधानसभा की विदायी की बेला निकट आ गयी है। इसके अंतिम सत्र की तैयारियां भी शुरू हो गयी हैं। यह विधानसभा भी पूर्ववर्तियों की भांति राज्य के मुद्दोंपर बहस के लिये बहुत ही कम समय दे पायी। लेकिन यह विधानसभा गरीबी और अमीरी के बीच भारी अंतर के लिये लम्बे समय तक अवश्य ही याद की जाती रहेगी। विधानसभा राज्य का प्रतिबिम्ब होती है, इसलिये उम्मीद की जानी चाहिये कि राज्य की आर्थिक स्थिति का यह आईना अच्छे दिनों के सपने दिखाने वालों को भी जरूर नजर आयेगा।

विधायकों की सम्पत्ति में 80 करोड़ का अन्तर

भारतीय लोकतंत्र के चुनावों और उसकी प्रकृया पर नजर रखने वाली संस्था, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक अध्ययन के अनुसार कर्ज लेकर अपने कर्मचारियों को वेतन देने वाले उत्तराखण्ड की चौथी विधानसभा में सतपाल महाराज जैसे ऐसे भी सदस्य हैं जिनकी निजी सम्पत्ति 80 करोड़ से भी ऊपर है। जबकि उसी विधानसभा में उधमसिंह नगर जिले की नानकमत्ता सीट से जीते हुये प्रेम सिंह की परिसम्पत्ति बमुश्किल 17 लाख तक ही पहुंच पायी है। परिसम्पत्ति का मतलब जमीन जायदाद जैसे चल और अचल सम्पत्ति से है।

सतपाल महाराज सबसे अमीर

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड विधानसभा में पौड़ी गढ़वाल की चौबटाखाल सीट से विधायक और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने 2017 के चुनाव में अपनी सम्पत्ति का जो ब्यौरा दिया है उसमें उन्होंने अपनी चल सम्पत्ति 6 करोड़, 26 लाख, 83 हजार 612 तथा अचल सम्पत्ति 73 करोड़ 98 लाख 71 हजार 995 रुपये बताई है। जोकि कुल मिला कर 80,25,55,607 रुपये के बराबर बनती है। जबकि नानकमत्ता के थारू जनजाति के प्रेमसिंह ने अपनी चल सम्पत्ति 7,53,515रुपये और अचल सम्पत्ति 9 लाख 50 हजा ररुपये बताई है, जो कि कुल मिला कर 17,03,515 बनती है।

भाजपा के ही राजेश शुक्ला दूसरे बड़े अमीर

उत्तराखण्ड के मौजूदा करोड़पति विधायकों में दूसरे नम्बर पर भाजपा के ही उधमसिंहनगर जिले के राजेश शुक्ला हैं, जिनकी चल और अचल सम्पत्ति उन्होंने 2017 में 25,97,86,332 रुपये बतायी थी। राजेश शुक्ला ने 2017 के चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को परास्त किया था। राज्य के तीसरे सबसे बड़े करोड़पति हरिद्वार जिले की मंगलोर सीट से कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन हैं जिन्होंने अपनी चल और अचल सम्पत्ति 21,30,38,282 रुपये बता रखी है।

सालाना आमदनी ही 83 लाख पार

अध्यात्म से राजनीति में उतरे सतपाल महाराज आमदनी के मामले में भी इस विधानसभा में सबसे ऊपर है। उनके द्वारा दाखिल आयकर विवरणिका के अनुसार उनके और उनके आश्रितों की आय 2015-16 में 83,89,491 रुपये थी। उनके बाद सबसे अधिक कमाई वाले सितारगंज के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा हैं जिन्होंने आयकर विवरण 2015-16 में अपनी आय 21,69,696 रुपये दिखा रखी है। तीसरे नम्बर पर सबसे अधिक कमाई वाले विधायक कपकोट के विधायक बलवंत सिंह भौंर्याल हैं जिन्होंने अपनी आय 35,54,915 रुपये दिखा रखी है। आयकर रिटर्न में इतनी आय का मतलब चल अचल सम्पत्ति से भी है।

सबसे गरीब अनुसूचित जाति और जनजाति के विधायक

गौर करने वाली बात यह है कि इस विधानसभा में जो सबे गरीब विधायक हैं वे जनजाति या अनुसूचित जनजाति के ही हैं। इसलिये हम कह सकते हैं कि चौथी विधानसभा भी हमारी सामाजिक असमानता का ही आईना दिखाती है। सबसे कम सम्पत्ति के मामले में थारू जनजाति के विधायक प्रेमसिंह के अलावा टिहरी जिले की अ0जा0 के लिये आरक्षित सीट घनसाली सीट के शक्तिलाल और गंगोलीहाट की मीना गंगोला है। ये दोनों अनुसूचित जाति से सम्बद्ध हैं।

वोटर और विधायक की आय में भी 80 लाख का अंतर

जिस प्रदेश के विधायकों की सालाना आय 80 लाख भी पार कर गयी हो उसी प्रदेश की 2019-20 के अनुमान के अनुसार प्रति व्यक्ति आय प्रतिवर्ष रु0 2,02, 895 ही है। करोड़पति विधायकों के इस प्रदेश में संाख्यकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार टिहरी, अल्मोड़ा और रुद्रप्रयाग जैसे जिले भी हैं जहां प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष आय एक लाख रुपये से भी कम है। यह भी तब कि जब मनरेगा में 100 दिन रोजगार की गारंटी है। राज्य पलायन आयोग के आंकड़ों के अनुसार ( डीईएस 2016-17) अल्मोड़ा जिले में प्रति व्यक्ति आय 96,786 रुपये थी। यह वही जिला जो कभी उत्तराखण्ड के शासन प्रशासन का केन्द्र रहा और जहां भारत रत्न गोविन्द बल्लभ पन्त और आइसीएस बी.डी.पाण्डे जैसी हस्तियां पैदा हुयी है। अल्मोड़ा के साथ ही चम्पावत की प्रति व्यक्ति आय 90,595 रुपये, रुद्रप्रयाग की 83,521 रुपये, टिहरी की 83,662 रुपये और उत्तरकाशी की 89,190 रुपये आंकी गयी है। कुल 83 लाख की आय वाले सतपाल महाराज के गृह जिले पौड़ी की प्रति व्यक्ति आय प्रति वर्ष 1,09,973 रुपये आंकी गयी है।

अमीर पार्टी के अमीर विधायक

इस नये नवेले प्रदेश की वर्तमान विधानसभा के सदस्यों की औसत सम्पत्ति 4.09 करोड़ रुपयों के बराबर है। अगर राजनीतिक दलों के अनुसार सम्पत्तिधारकों को देखा जाय तो देश की सबसे अमीर पार्टी भाजपा उत्तराखण्ड के करोड़पति विधायकों में सबसे आगे है। उसके 57 में से 54 विधायकों की औसत सम्पत्ति 4.04 करोड़ रुपये के बराबर है। हालांकि कांग्रेस के करोड़पति कम ही जीत कर आये हैं, फिर भी उसके 9 विधायकों की औसत सम्पत्ति 5.02 करोड़ रुपये के बराबर है। जबकि 2 निर्दलियों की औसत सम्पत्ति 1.40 करोड़ के रुपये के बराबर है।

अपराधिक पृष्ठभूमि में भी भाजपाई पीछे नहीं

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 65 विधायकों में से 20 के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 16 विधायक भाजपा के हैं। विधानसभा के 14 सदस्यों के खिलाफ गंभीर अपराधों के मामले दर्ज ह, जिनमें 10 भाजपा के हैं। इनमें प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डे भी एक हैं। घोड़े की टांग तोड़ने के मामले में गणेश जोशी बरी हो चुके हैं। एक विधायक के खिलाफ हत्या के प्रयास का तथा 2 विधायकों के खिलाफ हत्या के मामले दर्ज हैं। तीन विधायकों के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले भी दर्ज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!