स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी में मनाया गया गढ़भोज दिवस
पोखरी, 17 अक्टूबर (राणा)। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी, में गढ़भोज दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ कार्यक्रम-संयोजक डाॅ0 नन्दकिशोर चमोला द्बारा किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डाॅ0 केवलानन्द (असि0 प्रो0 भूगोल) के द्वारा पी0पी0टी0 के माध्यम से प्रस्तुितकरण के साथ-साथ गढभोज दिवस की विस्तृत जानकारी साझा की गई जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि इस दिवस की शुरूआत सन् 2000 से शुरू हुई और 2022 से तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा मोटे अनाजों के उपयोग पर बल दिये जाने के कारण उत्तराखण्ड में इससे अधिक प्रचार-प्रसार हुआ। साथ ही इन्होने द्वारिका प्रसाद सेमवाल की गढभोज से सम्बन्धित लिखित पुस्तक की जानकारी भी दी।
केवलानंद ने यहां के मुख्य व्यंजनों झंगोरा, मंडुवा, अरसा, भट्ट की चुटकाणी, भट्ट के डुबके, हरे पत्तेदार सब्जियों की कापली, शिशुण (कण्डाली), पत्यूड़, लिंगोड,े जौला, चैंसू, थिच्वाड़ी आदि के स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ व पोषक तत्वों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम में प्राचार्य डाॅ0 संजीव कुमार जुयाल ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में गढ़भोज दिवस मनाने के कारणों व प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए उत्तराखण्ड में उगाये जाने वाली विभिन्न फसलों एवं मोटे अनाजों के श्रोतों के बारे में पूर्ण जानकारी दी। साथ ही इन्होने परम्परागत अनाजों के पोषक तत्वों पर प्रकाश डाला व ताजा भोजन प्रयोग किये जाने के लाभकारी गुण बताऐ।
संजीव कुमार ने उत्तराखण्ड की कृषि के परम्परागत तरीकों के सम्बन्ध में बताया कि यहां प्रयाप्त कृषि योग्य भूमि की उपलब्धता न्यून है जिस कारण यहां पारिस्थितिकी तंत्रानुसार फसलों को उगाया जाता है जिससे वर्षभर के अनाज इत्यादि की आपूर्ति की जा सके। नई पीढ़ी गढभोज दिवस से परम्परागत फसलों का संरक्षण एवं संवर्धन कर सके।
कार्यक्रम के अन्त में संयोजक डाॅ0 नन्दकिशोर चमोला ने समस्त आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञांपित किया। इस कार्यक्रम में डॉ अंजलि रावत , डॉ रेनू सनवाल ,डॉ कीर्ति गिल , डॉ शशि चौहान ,डॉ रामानंद , डॉ जगजीत सिंह ,डॉ अंशु सिंह , डॉ प्रवीण मैठाणी , डॉ आरती रावत , डॉ राजेश भट्ट , डॉ आयुष बर्तवाल , डॉ अनुपम रावत , नवनीत सती सहित समस्त प्राध्यापक/कर्मचारी गण एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे ।