चमोली की गौचर हवाई पट्टी को भी है हवाई सेवा का इंतजार
–गौचर से दिग्पाल गुसांईं-
पिथौरागढ़ की नैनीसैनी हवाई पट्टी से भले ही एक दिन पहले हवाई जहाज सेवा शुरू कर दी गई हो लेकिन पर्यटन व सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माने जाने वाली जनपद चमोली की गौचर हवाई पट्टी को अभी हवाई जहाज सेवा का इंतजार है।
नब्बे के दशक में पिथौरागढ़ में नैनीसैनी, उत्तरकाशी में चिन्यालीसौड़ तथा जनपद चमोली की गौचर में हवाई पट्टी बनाने की योजना बनाई गई थी। हालांकि पिथौरागढ़ व चिन्यालीसौड़ की हवाई पट्टियों को बनाने में सरकार को किसी भी प्रकार के विरोध का सामना नहीं करना पड़ा था लेकिन गौचर हवाई के निर्माण को लेकर शासन प्रशासन को क्षेत्र के कास्तकारों के विरोध का सामना करना पड़ा था। तब प्रशासन के अधिकारियों ने जहां कास्तकारों को उचित मुआवजा, प्रभावित परिवारों के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी के अलावा क्षेत्र का समुचित विकास के साथ ही अनेक प्रकार के प्रलोभन दिए थे। लेकिन कास्तकारों का आंदोलन टस से मस नहीं हुआ था। तब प्रशासन ने कुछ सख्ती दिखाते हुए कहा था कि सामरिक व पर्यटन की दृष्टि से सीमांत जनपद चमोली की गौचर हवाई पट्टी का देश हित में बनाया जाना अतिआवश्यक है।
लेकिन ताजुब तो इस बात का है कि हवाई पट्टी बनने के 23 साल बीत जाने के बाद भी न तो कास्तकारों के साथ किए गए एक भी वादे पर अमल किया गया नाही हवाई जहाज सेवा चलाने की जहमत उठाई गई इससे क्षेत्रवासी अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने पहाड़ की तीनों हवाई पट्टियों से हवाई जहाज सेवा शुरू करने की नियत से एक माह तक स्टेट प्लेन का संचालन करवाया था। तब कई लोग ऐसे भी थे जो इस सेवा का विरोध करते नहीं थक रहे थे।
अब हालात ऐसे हो गए हैं कि यदा कदा गौचर हवाई पट्टी के विस्तारीकरण की उड़ती खबरों के बीच अक्टूबर माह में हवाई पट्टी एक छोर पर 65 तथा दूसरी छोर पर 75 मीटर चौड़ी करके के लिए राजस्व व लो नि वि ने संयुक्त रूप से सर्वेक्षण किया था। लेकिन विडंबना देखिए इस सर्वेक्षण को ठंडे बस्ते में डालकर पट्टी की चार दीवारी की ऊंचाई बढ़ाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गौचर हवाई पट्टी से भी छोटे विमानों के संचालन की बात तो कही है लेकिन जिस प्रकार से हवाई सेवा शुरू करने की कहीं से भी सुगबुगाहट नहीं दिखाई दे रही है इससे गौचर हवाई पट्टी से हवाई जहाज सेवा शुरू होने की उम्मीद दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है। प्रगतिशील कास्तकार विजया गुसाईं,कंचन कनवासी, जगदीश कनवासी, व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल, कांग्रेस नगर अध्यक्ष सुनील पंवार आदि लोगों का कहना है कि जब गौचर से हैलीकॉप्टर सेवा ही चलानी थी तो कास्तकारों की अति उपजाऊ जमीन को कंक्रीट के जंगल में तब्दील करने की आवश्यकता क्यों पड़ी।