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टेहरी और उत्तरकाशी का खास व्यंजन और खास परम्परागत त्योहार, घेन्जा

 

Ghenja, a renowned culinary delight from Uttarakhand’s Tehri Garhwal and Uttarkashi regions, is crafted into circular and triangular forms using indigenous grains such as Jhangora, Koni, Koda, and Maize flour. These delectable creations are gently steamed between lemon and Oak leaves and then served with tea.

                     The highlight of the Festival was the unveiling of the world’s largest Ghenja, weighing 121 kilograms.

 

-uttarakhandhimalaya.in-

घेन्जा ,उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी क्षेत्रों का एक प्रसिद्ध पाक व्यंजन है, जिसे झंगोरा, कोनी, कोदा और मक्के के आटे जैसे स्वदेशी अनाजों का उपयोग करके गोलाकार और त्रिकोणीय रूपों में तैयार किया जाता है। इन स्वादिष्ट कृतियों को नींबू और बांज  के पत्तों के बीच धीमी आंच में पकाया जाता है और फिर चाय के साथ परोसा जाता है।

चंद्र कैलेंडर के अनुसार पौष माह के 28वें दिन प्रतिवर्ष उत्साह के साथ मनाया जाने वाला यह त्योहार उत्तराखंड के टिहरी और उत्तरकाशी क्षेत्रों में मनाया जाता है।

ध्याणीया ( विवाहित महिलाएं ), मुख्य रूप से इस त्योहार को अपने मायके में आकर मनाती हैं, एक पोषित परंपरा के रूप में अपने ससुराल में घेन्जा  कल्यो के रूप में ले जाती हैं। सर्दी के मौसम में होने वाला यह त्योहार रिश्तों में खुशियां जोड़ता है। घेन्जा  करीब  एक सप्ताह तक तजा रहता है और स्वाभाविक रूप से , साप्ताहिक नाश्ते का प्रमुख हिस्सा बन जाता  है।

Village women preparing a mixed flour of several millets for 125 kg. weight GHENJA at Bamura Dham, Herawal Gaon, in the Pratapnagar region of Tehri Garhwa.

 

घेन्जा महोत्सव 2024 का उद्घाटन 12 जनवरी, 2024 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के प्रतापनगर क्षेत्र में बामुरा धाम, हेरावल गांव में हुआ। वैश्विक शिक्षा में अग्रणी व्यक्ति, वीरेंद्र रावत ने अपने सहयोगियों  खासकर पराज ९९ बाजार के संस्थापक श्री दिनेश कलूड़ा के साथ मिलकर  इस क्षेत्र में इस अद्वितीय स्वदेशी खाद्य उत्सव का आयोजन किया, जिसके मूल में घेन्जा प्रतियोगिता 2024 थी।

टिहरी और उत्तरकाशी क्षेत्र की गृहणियों ने अपने घर पर स्वादिष्ट घेन्जा व्यंजन तैयार करके और प्रतियोगिता में बहुत ही सुन्दर ढंग  से प्रस्तुत करके अपनी -अपनी  पाक कौशल का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के लिए  सभी प्रतियोगी 12 जनवरी, 2024 को सुबह 10 बजे अपने सुंदर ढंग से सजाए गए गेंजों को लेकर बामुराधाम आये थे।


घेन्जा प्रतियोगिता 2024 में कुल 434 गृहिणियों ने भाग लिया,और विशेषज्ञ मूल्याङ्कन  समिति  के समक्ष अपनी पाक कला से बनाये हुए अपने स्वादिष्ट और पौष्टिक घेन्जा  प्रस्तुत किए किये ।  विषेशज्ञ  मूल्याङ्कन समिति ने   न केवल घेन्जो  का स्वाद चखा बल्कि प्रतियोगियों के साथ घेंजा बनाने की कला पर भी चर्चा की।

महोत्सव का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखंड के प्रांत कार्यवाह श्री दिनेश सेमवाल जी ने किया। प्रतापनगर के उप-जिला मजिस्ट्रेट श्री शैलेन्द्र सिंह नेगी जी ने घेंजा प्रतियोगिता 2024 का उद्घाटन किया। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के जन संपर्क अधिकारी श्री भजाराम पंवार और लंबगाव  पुलिस थाने  के अध्यक्ष  श्री महिपाल सिंह रावत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे ।

महोत्सव का मुख्य आकर्षण दुनिया के सबसे बड़े घेन्जा का अनावरण था, जिसका वजन 121 किलोग्राम था, जो अयोध्या में श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को समर्पित था। मुख्य अतिथि श्री दिनेश सेमवाल जी १२१ किलोके घेन्जा  का अनावरण किया।

घेन्जा  उत्सव  की आयोजन समिति से संयोजक श्री दिनेश कलुरा जी थे जबकि सह संयोजक  , श्री चन्द्रशेखर पैन्युली और श्री विजय पोखरियाल थे।  कार्यक्रम का सञ्चालन उत्तरकाशी के प्रगतिशील शिक्षक श्री मंगल सिंह पंवार ने किया।

घेन्जा  प्रतियोगिता  की  मूल्याङ्कन  समिति में एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग की विद्वान सुश्री रोहिणी सिंह और अंकिता बिष्ट, उत्तरकाशी की शिक्षिका संगीता पंवार और “गढ़ भोज” उत्तरकाशी से श्री अनाज  विशेषज्ञ पवित्रा राणा और राखी राणा शामिल थीं। हेरवाल गाँव की वरिष्ठ गृहिणी श्रीमती पूर्णा देवी  ने भी मूल्याङ्कन समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया।

घेन्जा  प्रतियोगिता  की  मूल्याङ्कन  समिति ने  सावधानी पूर्वक सभी प्रतियोगी गृहिणियों  द्वारा बनाये गए स्वादिष्ट  घेंजो  के मूल्यांकन के बाद, ज्ञानसू उत्तरकाशी की श्रीमती रमा डोभाल को घेंजा प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया। हेरवाल गाँव की श्रीमती सकला देवी रावत ने दूसरा स्थान हासिल किया, और ओनाल गाँव की जगतम्बा देवी ने तीसरा स्थान हासिल किया।

विजेताओं को बमुरा धाम  की तरफ से ५००१ , ३००१  और २००१ रुपयों के  नकद पुरस्कार दिए गए। ये नगद पुरस्कार  श्री सुखदेव सिंह चौहान द्वारा प्रायोजित किये गए। लंबगों के मशहूर  पराज 99 बाजार की तरफ से विजेताओं को २५०० , १५००  और १०००  के  उपहार कूपन प्रदान किये गए । लंबगांव के शुभ कामना ज्वैलर्स और शुभ कामना साड़ीज़ ने घेंजा प्रतियोगियों के लिए स्थानीय परिवहन प्रायोजित किया। रोटरी क्लब उत्तरकाशी की ओर से श्री मोहन डबराल द्वारा विजेताओं को स्मृति चिन्ह प्रदान किये गये और अतिथियों को उत्तराखंड की  टोपी भेंट की गई ।

सभी घेन्जा  प्रतियोगी  गृहिणियों  को वीरेंद्र रावत की तरफ से  500 रुपये की  पिठाईं  लगाई गई । सी अवसर पर  “गढ़ भोज” उत्तरकाशी के संस्थापक श्री द्वारका प्रसाद सेमवाल को श्री अनाज  को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मैन ऑफ उत्तराखंड सम्मान  2024 से सम्मानित किया गया ।  इसके अलावा हॉस्पिटैलिटी स्टार अवार्ड 2024 ,गुजरात के अग्रणी हॉस्पिटैलिटी उद्यमी सुरेंद्र रावत को प्रदान किया गया।

इस अवसर पर  प्रतापनगर क्षेत्र के सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र  में उल्लेखनीय योगदान देने  के लिए श्रीमती रेखा असवाल, श्री अभिनव कलूड़ा  और श्री गजेंद्र कंडियाल , धीरेन्द्र रांगड़ ,दिनेश कलूड़ा , चंद्र शेखर पैन्यूली सहित प्रतापनगर के आने क विभूतियों को “प्रतापनगर के पथ प्रदर्शक पुरस्कार 2024”  से सम्मानित किया गया ।कार्यकर्म को सफल बनने  हेतु रोजर संस्था देहरादून के पेशेवर  स्वयंसेवकों ने घेंजा महोत्सव 2024 की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मुख्य अतिथि, श्री दिनेश सेमवाल ने लोगों को पारंपरिक रीति-रिवाजों, व्यंजनों और संस्कृति से फिर से जोड़ने के लिए इस कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने गेंजा व्यंजन को राज्य एवं देश के प्रतीक के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रतापनगर के उप-जिला मजिस्ट्रेट श्री शैलेन्द्र सिंह नेगी ने घेंजा जैसे श्री  अनाज के सेवन के स्वास्थ्य लाभों पर प्रकाश डाला और लोगों से बेहतर स्वास्थ्य के लिए पारंपरिक प्रथाओं का पालन करने का आग्रह किया।

Virendra Rawat, renowned educationists, sponsored the grand traditional event.

१२१ किलो का श्री राम घेन्जा  के प्रायोजक पराज  ९९ बाजार  के संस्थापक श्री दिनेश कलूड़ा  थे।   १२१ किलो का श्री राम घेन्जा बनाने  का कार्य जैसे कि  घेन्जा का मिश्रण (घेन्जवाड़ी ) को एकत्रित करना, पिसवाने  और बनाने का कार्य श्री दिनेश कलूड़ा  के नेतृत्व  में संपन्न हुआ।

श्री कलूड़ा  स्थानीय  व्यंजनों परम्पराओ , रीती रिवाजों ,त्योहारों और संस्कारो  के साथ नए अविष्कारो को आगे बढ़ने में प्रतापनगर में महत्वपूर्ण  भूमिका निभा रहे है। उनसके इस पावन कार्य में  चंद्र शेखर  पैन्यूली अपना सहयोग दे रहे हैये दोनों युवा , प्रतापनगर की नई  पीढ़ी  के लिए  प्रेरणास्रोत के रूप में उभर रहे है।

वीरेन्द्र रावत ने घेन्जा  व्यंजन को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने की परिकल्पना व्यक्त की। उन्होंने आधुनिक शहरों से दूर होने के बावजूद गांव की दिव्य स्थानों से निकटता पर जोर देते हुए सभी प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया।

बमुरा धाम के घेंजा महोत्सव 2024 की आयोजन समिति गर्व से उत्तराखंड में पारंपरिक व्यंजनों के लेखक और राज्य कर विभाग, उत्तराखंड के पूर्व संयुक्त आयुक्त श्री शांति प्रसाद नौटियाल को घेंजा के ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया श्री नौटियाल  उत्तराखंड की पाक विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रसिद्ध, पौष्टिक और स्वादिष्ट गेंजा व्यंजन के प्रचार और प्रसार में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं।

महोत्सव में केशव रावत, उषा भंडारी, मोहन डबराल, नरेंद्र चमोली, जय सिंह रावत,यशपाल  कंडियाल, डॉ. भरत सिंह राणा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य उत्तरकाशी कमल सिंह रावत, अभिनव नेगी, धनपाल पंवार सहित कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया।

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