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नाथूराम गोडसे ने दो हत्याएं की थी

 

-गोविंद प्रसाद बहुगुणा
यह तो सभी जानते हैं कि आज के दिन नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की हत्या की थी लेकिन यह किसी को आज तक अहसास नहीं हुआ कि उसने भारतीय संस्कृति की आत्मा धार्मिक सहिष्णुता और शिष्टाचार की भी हत्या की थी।

गांधी जी पर गोली दागने से पहले उसने गांधी जी के चरण छूकर प्रणाम करने का नाटक कर प्रणाम करने के भारतीय संस्कार और शिष्टाचार की भी हत्या की है। नाथूराम को देश का आंतरिक  दुश्मन भी माना जाय तो क्या हर्ज है । सैनिक जब शत्रु को मारता है तो वीर कहलाता है क्योंकि वह उसका कर्तव्य है जब वह विदेशी शत्रु द्वारा मारा जाता है तो शहीद कहलाता है लेकिन जब कोई अपना ही आदमी द्वैष भाव से अपने ही देशवासी को मारता है तो वह हत्यारा कहलाता है । गांधी जी तो शहीद ही माने जायेंगे लेकिन नाथूराम हत्यारा ही रहेगा ।

इशू मसीह सुकरात को भी अंतरिक दुश्मनों ने मारा फिर उन्हीं लोगों ने उनकी पूजा का पाखंड रचा । आज भी हमारे देश में कुछ लोग हैं जो नाथूराम के इस कृत्य को जस्टिफाई करते हैं, उन्हें भी यदि देश का शत्रु न कहा जाय तो क्या कहा जाय ? आप ही बताइए देशवासियों ! !

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