नौकरियों का सौदागर हाकम सिंह फिर सक्रिय, एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
देहरादून, 21 सितंबर । उत्तराखंड में पेपर लीक घोटालों के कुख्यात मास्टरमाइंड और ‘नौकरियों का सौदागर’ हाकम सिंह एक बार फिर सलाखों के पीछे पहुंच गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त नकल विरोधी कानून के तहत उत्तराखंड पुलिस और विशेष जांच दल (एसटीएफ) की संयुक्त टीम ने शनिवार को हाकम सिंह और उसके सहयोगी पंकज गौड़ को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी यूकेएसएससी की एक नई परीक्षा में धांधली के आरोप में की गई है, जो राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ों को और गहरा करने वाली है।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद हाकम सिंह जेल से बाहर आया था, लेकिन उसका नेटवर्क फिर सक्रिय हो गया। पुलिस के अनुसार, हाकम और उसके साथी अभ्यर्थियों को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) की परीक्षा में सफलता दिलाने का लालच देकर 12 से 15 लाख रुपये तक वसूल रहे थे। उनकी योजना थी कि अगर उम्मीदवार खुद सफल हो जाते, तो पैसे हड़प लिए जाते, वरना नकल के जरिए कामयाब बनाया जाता। एसटीएफ को मुखबिर से खबर मिली कि हाकम का गैंग फिर से सक्रिय है, जिसके बाद देहरादून में छापेमारी की गई और दोनों आरोपी धर दबोचे गए।
हाकम सिंह का इतिहास भ्रष्टाचार से भरा पड़ा है। 2022 में स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक में मास्टरमाइंड के रूप में गिरफ्तार होने के बाद उसे भाजपा ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज हुए, करोड़ों की संपत्ति कुर्क की गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2023 में जमानत दे दी। अब इस नई गिरफ्तारी से उसके साम्राज्य पर एक और प्रहार हुआ है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, और पूछताछ में और खुलासे होने की उम्मीद है।
यह मामला राज्य में सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया पर एक बार फिर सवाल खड़े करता है। एसटीएफ का कहना है कि हाकम जैसे नकल माफिया के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए कार्रवाई तेज की जाएगी। राज्य सरकार ने पहले ही कई समितियां गठित की हैं, लेकिन उम्मीदवारों की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना अब चुनौती बना हुआ है।
