राजनीति

विरोध स्वरूप भाजपा मुख्यालय तक पहुंचे हरीश रावत, सोशल मीडिया पर छवि खराब करने के आरोप लगाए

देहरादून, 25 दिसंबर।आपने खिलाफ सोशल मीडिया पर चलाये गये अभियान के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत गुरुवार अपराह्न प्रदेश भाजपा मुख्यालय की ओर बड़ी संख्या में मार्च किया।भाजपा मुख्यालय के आसपास पुलिस ने चारों ओर बैरिकेडिंग कर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। इसके बावजूद धक्का-मुक्की के बीच हरीश रावत भाजपा कार्यालय के निकट तक पहुंचने में सफल रहे।

भाजपा कार्यालय के नजदीक पहुंचकर हरीश रावत ने सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को नमन किया और कहा कि आज की भाजपा को अटल जी से सीख लेनी चाहिए कि किस तरह सबको साथ लेकर सामाजिक सौहार्द बनाए रखा जाता है।

इसके बाद उन्होंने भाजपा पर उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया। हरीश रावत ने कहा कि भाजपा के लोग झूठ फैलाकर उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से उन्हें पाकिस्तान का जासूस और देशद्रोही बताया जा रहा है तथा उनके खिलाफ नफरत और हिंसा भड़काने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि इसके प्रमाण भाजपा पेश करे। उनका आरोप था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गलत इस्तेमाल कर उनके बयान तोड़े-मरोड़े जा रहे हैं और इन्हें भाजपा के आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों पर भी डाला गया है।

हरीश रावत ने वर्ष 2017 में उनकी सरकार के खिलाफ लगाए गए उस आरोप का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि शुक्रवार की नमाज के लिए सरकारी अवकाश घोषित किया गया है। उन्होंने दोबारा चुनौती दी कि यदि ऐसा कोई आदेश है तो उसका राजपत्र (गजट नोटिफिकेशन) दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि न तो ऐसा कोई आदेश जारी हुआ और न ही किसी सरकारी कार्यालय में शुक्रवार को इस आधार पर छुट्टी हुई।

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि वर्ष 2022 के चुनावों में भाजपा ने झूठ फैलाया कि कांग्रेस सत्ता में आई तो मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाएगी, जबकि उनका ऐसा कोई बयान कभी भी सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आया। उन्होंने कहा कि भाजपा का सोशल मीडिया तंत्र झूठ गढ़ने और फैलाने का काम कर रहा है।

हरीश रावत ने राज्य में जनसंख्या संरचना (डेमोग्राफिक बदलाव) पर भाजपा सरकार के बयानों पर भी सवाल उठाए और कहा कि यदि ऐसा बदलाव हुआ है तो सरकार आधिकारिक आंकड़े सार्वजनिक करे तथा उसके लिए एक स्वतंत्र सोशल ऑडिट समिति गठित कर दो महीने में रिपोर्ट जारी की जाए। साथ ही उन्होंने पूछा कि राज्य में अवैध घुसपैठियों की वास्तविक संख्या क्या है और उन्हें बाहर निकालने के लिए अब तक क्या कार्रवाई हुई है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड का जिक्र करते हुए हरीश रावत ने सरकार पर आरोप लगाया कि इस मामले में सबूतों से छेड़छाड़ की गई और बुल्डोजर कार्रवाई भी सच्चाई दबाने की साजिश का हिस्सा रही। उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के किसी मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में सीबीआई से कराई जानी

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