उत्तराखंड में 15 से 21 जून तक भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी; आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट पर
📍देहरादून | संवाददाता विशेष
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड सहित समूचे उत्तर भारत के लिए 15 से 21 जून तक व्यापक मौसमी चेतावनी जारी की है। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में विशेष रूप से नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़, और चंपावत, रुद्रप्रयाग, चमोली जैसे क्षेत्रों में भारी वर्षा, आकाशीय बिजली और 40 से 50 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं चलने की संभावना जताई गई है।
इस दौरान राज्य के अधिकांश जिलों में आंधी-तूफान और तेज बारिश के तीव्र से अति तीव्र दौर की संभावना के मद्देनज़र राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (SDMA) ने समस्त जिला प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं।
🌧️ बारिश का सिलसिला, दिन-वार प्रभाव
दिनांक | संभावित असर |
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15 जून | उत्तराखंड के अनेक जिलों में भारी वर्षा; हरियाणा में ओलावृष्टि, राजस्थान में तेज आंधी |
16-17 जून | नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में अति भारी वर्षा; अन्य जिलों में तेज गर्जना और बिजली |
18-19 जून | देहरादून, पौड़ी, चंपावत, चमोली, रुद्रप्रयाग में भारी वर्षा; सभी जिलों में आंधी और बिजली |
20-21 जून | हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड में फिर से अति भारी बारिश की संभावना |

⚠️ प्रभावित जिले और संभावित जोखिम
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अति संवेदनशील जिले: नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर — यहां पहाड़ी ढलानों पर भूस्खलन और सड़कें बंद होने की आशंका अधिक।
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मध्यम जोखिम वाले जिले: देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली, चंपावत, पौड़ी।
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शहरी क्षेत्रों में: जलभराव, ट्रैफिक जाम, और बिजली आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी।
🔊 प्रशासन की अपील
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) ने सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रहने, स्थानीय आपदा नियंत्रण कक्षों को सक्रिय रखने और खतरे की आशंका वाले क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही सीमित करने के निर्देश दिए हैं। पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों से भी अत्यधिक सावधानी बरतने और अनावश्यक ट्रैकिंग व जलधाराओं के पास जाने से बचने की अपील की गई है।
🧭 IMD का वैज्ञानिक विश्लेषण
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह मौसम प्रणाली एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और बंगाल की खाड़ी से उठती नमी से बन रही है, जो उत्तराखंड सहित पूरे उत्तर-पश्चिम भारत में असामान्य मौसमी गतिविधियां ला रही है।
📱 सुरक्षा उपाय और हेल्पलाइन
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आपात स्थिति में संपर्क करें: 1070 (राज्य आपदा हेल्पलाइन), स्थानीय DM कार्यालय।
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सावधानी बरतें: बिजली कड़कने के समय खुले मैदानों में न जाएं, नदियों और नालों से दूर रहें, पर्वतीय सड़कों पर सफर टालें।
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स्कूल व ट्रैफिक अलर्ट: मौसम की गंभीरता को देखते हुए कई जिलों में स्कूल बंद रखने के आदेश पर भी विचार चल रहा है।
🔚 निष्कर्ष
उत्तराखंड के लिए आगामी सप्ताह मौसम की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। प्रशासन की तैयारी के साथ-साथ जनता की जागरूकता और सतर्कता ही इस प्राकृतिक आपदा को न्यूनतम नुकसान तक सीमित कर सकती है।