चिंता का विषय -चारधाम यात्रा में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं में वृद्धि
-उषा रावत
उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की ओर आकर्षित करती है, इस बार हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या के कारण चर्चा में है। मई 2025 में मात्र 10 दिनों के भीतर तीन हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं ने छह लोगों की जान ले ली, जिसने यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
हाल की घटनाएं
8 मई 2025 को उत्तरकाशी के गंगनानी के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में पांच यात्रियों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। यह हेलीकॉप्टर गंगोत्री की ओर जा रहा था। इसके अलावा, केदारनाथ में एक एयर एम्बुलेंस की क्रैश लैंडिंग हुई, जिसमें तकनीकी खराबी को कारण बताया गया। तीसरी घटना में एक अन्य हेलीकॉप्टर को तकनीकी समस्याओं के कारण केदारनाथ में आपात लैंडिंग करनी पड़ी। सौभाग्यवश, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
पहले भी हो चुकी हैं दुर्घटनाएं
हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं चारधाम यात्रा के लिए नई नहीं हैं। अगस्त 2019 में उत्तरकाशी के मोल्डी के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हुई थी। अक्टूबर 2022 में केदारनाथ के पास एक हेलीकॉप्टर क्रैश में सात लोग मारे गए थे, जिसमें पायलट भी शामिल था। इन घटनाओं ने हिमालयी क्षेत्र की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
कारण और चिंताएं
विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीकी खराबी, पायलट प्रशिक्षण की कमी और हिमालय की चुनौतीपूर्ण मौसम और भू-आकृति दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हो सकते हैं। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने हाल की घटनाओं की जांच शुरू कर दी है। 15 दिनों में तीन दुर्घटनाओं ने हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और रखरखाव मानकों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
सुरक्षा के लिए सुझाव
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यात्रियों से हेलीकॉप्टर यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की अपील की है। छोटी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। विशेषज्ञ बेहतर रखरखाव, नियमित निरीक्षण और सख्त नियामक ढांचे की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।
आगे की राह
चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है। हालांकि, बार-बार होने वाली हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए खतरा बन रही हैं। सरकार और संबंधित प्राधिकरणों को तत्काल कदम उठाने होंगे ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और यात्रा सुरक्षित बनी रहे।