कंडक्ट डिसऑर्डर्स का बड़ा कारण घर का माहौल: प्रो. प्रेरणा गुप्ता
ख़ास बातें
- ऐसे बच्चों को कतई न डांटें, बल्कि उनकी तकलीफ को लें संजीदगी से
- माइंड फुलनेस की उपयोगिता को महसूस कराया डॉ. शिवि सक्सेना ने
- बीएससी और एमएससी के स्टुडेंट्स ने लिया पैनल डिस्कशन में भाग
- प्रो. जसलीन एम. ने दोनों गेस्ट स्पीकर्स को भेंट किए उपहार
–प्रो. श्याम सुंदर भाटिया
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की वरिष्ठ मनोचिकत्सक डॉ. प्रेरणा गुप्ता ने कंडक्ट डिसऑर्डर्स पर प्रकाश डालते हुए बताया, ये कंडक्ट डिसऑर्डर्स क्या हैं ? बच्चों में कैसे पहचानें कि उन्हें कंडक्ट डिसऑर्डर्स हैं या नहीं ? उन्होंने कंडक्ट डिसऑर्डर्स को लेकर कहा कि कंडक्ट डिसऑर्डर्स का बड़ा कारण हमारे घर का वातावरण है। जैसे उन्होंने पिता को अपनी माता को मारते हुए देखा हो, माता-पिता की हिंसा देखी हो, या जेनेटिक फैक्टर हो सकता है। आर्गेनिक फैक्टर हो सकता है, बायोकैमिकल फैक्टर हो सकता है, सोशल फैक्टर हो सकता है। प्रो. प्रेरणा गुप्ता कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की ओर से वर्ल्ड मेन्टल हेल्थ डे पर आयोजित थीम- मेंटल हेल्थ इन अनइक्यूल वर्ल्ड- 2021 में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। इस मौके पर थीम पर पैनल डिस्कशन भी हुआ, जिसमें आधा दर्जन से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल रहे । इससे पूर्व अतिथियों को बुके और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। अंत में पैनल में शामिल सभी स्पीकर्स को सर्टिफिकेट्स भी दिए गए। बतौर गेस्ट ऑफ़ ऑनर क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ. शिवि सक्सेना की भी गरिमाई मौजूदगी रही। पैनल डिस्कशन का संचालन एमएससी नर्सिंग के स्टुडेंट्स श्री अर्नेस्ट लमूएल जबकि प्रोग्राम का संचालन एमएससी नर्सिंग फाइनल ईयर की छात्रा मिस आरती चौधरी ने किया।
मैनेजमेंट ऑफ़ कंडक्ट प्रॉब्लम्स पर प्रो. गुप्ता ने कहा, ऐसे बच्चों को बेहद दुलार की दरकार होती है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा, उनको कतई न डांटें। उनको बताएं कि आप हमारे लिए और समाज के लिए अति महत्वपूर्ण हैं। ऐसे बच्चों की तकलीफ को संजीदगी से लें। परिवार का माहौल सकारात्मक रखें। अभिभावकों को कंडक्ट डिसऑर्डर के प्रारंभिक लक्षण दिखाई दें तो वे तत्काल मनोचिकित्सक, मनोरोग विशेषज्ञ और काउंसलर की सलाह लें। अंत में उन्होंने कहा कि कोई भी बच्चा गलत नहीं होता, परिस्थितियां ऐसी हो जाती हैं। सवाल और जवाब का दौर भी चला। साइकॉलजिस्ट डॉ. शिवि सक्सेना ने बतौर गेस्ट ऑफ़ ऑनर माइंड फुलनेस के बारे में बताया, माइंड फुलनेस क्या हैं ? यह कैसे हमारे जीवन को परिवर्तित करती है ? किस तरह हम माइंड फुलनेस की प्रैक्टिस करे ? माइंड फुलनेस का तरीका बताते हुए डॉ. शिवि सक्सेना ने वहां मौजूद सभी छात्र-छात्राओं के ध्यान के माध्यम से माइंड फुलनेस की उपयोगिता को महसूस कराया। माइंड फुलनेस के साथ यह भी बताया कि ये तरीके कैसे हमें खुद से जोड़ते हैं ? तीर्थंकर महावीर कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की वाइस प्रिंसिपल, प्रो. जसलीन एम. ने दोनों गेस्ट स्पीकर्स को उपहार भी भेंट किए। मेंटल हेल्थ इन अनइक्यूल वर्ल्ड पर भी पैनल डिस्कशन हुआ। अंत में एमएससी नर्सिंग फर्स्ट ईयर के छात्र श्री नवीन सिंह ने सभी का शुक्रिया अदा किया । पैनल डिस्कशन में आरती चौधरी, ऑस्कर डोनाल्ड ओबेडाया, एलन सिंह, अर्नेस्ट लमूएल, आसिम कुमार, अंजलि कुल्बे, अनुराधा शर्मा आदि ने भागीदारी निभाई। वर्ल्ड मेन्टल हेल्थ डे में मेन्टल हेल्थ नर्सिंग के एचओडी श्री लिबिन जोसफ, मेडिकल सर्जिकल नर्सिंग के एचओडी श्री जितेंद्र सिंह, ओबीजी नर्सिंग के एचओडी डॉ. सारिका सक्सेना, हरिता नायर, अंजलि शाह, अमली मैरी, मोहित शर्मा, निशा वर्गीस, बीजी मौल, श्री गौरव कुमार, कम्युनिटी हेल्थ नर्सिंग के एचओडी श्री प्रभु जॉन आदि उपस्थित रहे।