विश्व को भारत का शाश्वत उपहार ; एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग
Among India’s greatest gifts to the world is Yoga. More than physical exercise, Yoga is a way of life, offering mental clarity, emotional stability, and spiritual peace. Its relevance is especially strong today, as the world embraces a shared vision of wellness that promotes harmony between people and the planet.
-A PIB Feature-
आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव में जन्मे मल्ली मस्तान बाबू एक साधारण परिवार से निकलकर भारत के सबसे प्रेरणादायक पर्वतारोहियों में शुमार हो गए। इंजीनियरिंग और प्रबंधन में अपनी अकादमिक सफलता के साथ-साथ, उन्हें पर्वतारोहण का शौक भी था और उन्होंने गहन शारीरिक एवं मानसिक प्रशिक्षण के माध्यम से खुद को तैयार किया। उनकी यात्रा में योग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। योग ने उन्हें शक्ति अर्जित करने, ध्यान केंद्रित करने और चरम स्थितियों के दौरान शांत रहने में मदद की। अपना भोजन स्वयं तैयार करने से लेकर चढ़ाई के हर चरण की सावधानीपूर्वक योजना बनाने तक उनका अनुशासन उल्लेखनीय रहा। मात्र 172 दिनों में, बाबू ने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की और यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय और दक्षिण एशियाई बन गए। उनकी कहानी इस बात की पुरजोर याद दिलाती है कि आंतरिक संतुलन और दृढ़ संकल्प सबसे बड़ी ऊंचाइयों तक पहुँचने में हमारे मददगार सिद्ध हो सकते हैं। उनका जीवन समग्र कल्याण की हमारी खोज में शक्ति, स्पष्टता और शांति को प्रेरित करना जारी रखे हुए है।
भारत की प्राचीन सभ्यता सदैव ज्ञान, स्वास्थ्य और सद्भाव की पक्षधर रही है। शून्य की खोज से लेकर खगोल विज्ञान, शल्य चिकित्सा और दर्शन में योगदान तक, भारत सदियों से दुनिया को समृद्ध करता आया है। वसुधैव कुटुम्बकम के आदर्श में निहित, दुनिया एक परिवार है। यह ज्ञान इस विश्वास को दर्शाता है कि सच्ची प्रगति मानवता के सामूहिक उत्थान में निहित है।
योग दुनिया को भारत द्वारा दिए गए सबसे बड़े उपहारों में से एक है। योग शारीरिक व्यायाम से कहीं बढ़कर, जीवन जीने की एक शैली है, जो मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक स्थिरता और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। आज इसकी प्रासंगिकता खास तौर पर प्रबल है, क्योंकि विश्व मानव और पृथ्वी के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने वाले कल्याण के साझा दृष्टिकोण को अंगीकार कर रहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अथक प्रयासों की बदौलत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वास्थ्य और जीवन में संतुलन के प्रति योग के समग्र दृष्टिकोण को मान्यता देते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया। यह भारत के प्राचीन ज्ञान में निहित निवारक स्वास्थ्य सेवा की ओर विश्व द्वारा रुख किए जाने को दर्शाता है।
संस्कृत के मूल शब्द युज , जिसका अर्थ है “एकजुट होना” से व्युत्पन्न योग शरीर, मन और आत्मा को एकीकृत करता है। महर्षि पतंजलि द्वारा योग सूत्र में संहिताबद्ध, यह आठ अंगों की रूपरेखा प्रस्तुत करता है, जो नैतिक जीवन, अनुशासन और आंतरिक शांति का मार्गदर्शन करते हैं।