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इसरो को वर्ष 2023 के लिए ‘उत्कृष्ट उपलब्धि’ श्रेणी में “इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड” प्रदान किया गया

Union Minister of State (Independent Charge) Science & Technology; MoS PMO, Personnel, Public Grievances, Pensions, Atomic Energy and Space, Dr Jitendra Singh presented “Indian of the Year Award” for the year 2023 in the category ‘Outstanding Achievement’ to Team ISRO (Indian Space Research Organisation).

 

नयी दिल्ली, 11 जनवरी।   केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने टीम इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) को ‘उत्कृष्ट उपलब्धि’ श्रेणी में वर्ष 2023 के लिए “इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड” प्रदान किया।

एक राष्ट्रीय टीवी चैनल द्वारा शुरू किया गया यह पुरस्कार नई दिल्ली में एक शानदार समारोह में इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ और चंद्रयान 3 के परियोजना निदेशक डॉ. पी. वीरमुथुवेल ने प्राप्त किया।

पुरस्कार उद्धरण में कहा गया है कि इस पुरस्कार ने अंतरिक्ष अन्वेषण की सीमाओं को आगे बढ़ाने में इसरो द्वारा किए गए उल्लेखनीय योगदान को मान्यता दी है।

पुरस्‍कार उद्धरण में कहा गया है, “वर्ष 2023 निस्संदेह इतिहास की किताबों में एक ऐसे कालखंड के रूप में दर्ज किया जाएगा, जब भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ने चुनौतियों का सामना करने में अद्वितीय कौशल और लचीलेपन का प्रदर्शन किया। 2023 में इसरो की उपलब्धियों की प‍राकाष्‍ठा चंद्रमा के अज्ञात दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर चंद्रयान-3 की पहली सफल सॉफ्ट लैंडिंग थी।”

अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3 न केवल स्वदेशी था, बल्कि यह लगभग 600 करोड़ रुपये के बजट वाला एक बहुत ही लागत-प्रभावी मिशन था। उन्होंने कहा कि यद्पि देश में प्रतिभा की कभी कमी नहीं थी, लेकिन सक्षम बनाने वाले माहौल की जो कमी थी, उसको प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में भरा गया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास के कारण, देश की आम जनता चंद्रयान-3 या आदित्य जैसे विशाल अंतरिक्ष कार्यक्रमों के प्रक्षेपण को देखने में सक्षम हो गई है। उन्होंने कहा कि आदित्य प्रक्षेपण को देखने के लिए 10,000 से अधिक दर्शक, 1,000 से अधिक मीडियाकर्मी और बड़ी संख्या में आम लोग आए थे तथा चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने के दौरान भी इतनी ही बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।”

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