Front Page

ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने देहरादून और पिथौरागढ़ के बीच ‘उड़ान’ हवाई सेवा का किया उद्घाटन

उड़ान 5.1 दौर के अंतर्गत 5 अन्य हेलीपोर्ट की भी पहचान की है, जिसमें बागेश्वर, चंपावत, लैंसडाउन, मुनस्यारी और त्रियुगी नारायण हेलीपोर्ट शामिल हैं। शीघ्र ही इन 5 अन्य हेलीपोर्ट पर भी विकास कार्य शुरू किया जाएगा।

  • The new flight service will be operated thrice a week

  • The RCS flight between Dehradun and Pithoragarh was awarded under UDAN 4.2

  • 76 routes have been awarded in the state of Uttarakhand under UDAN

  • Pithoragarh Airport has been developed under the RCS scheme with a cost of Rs 6.68 cr into a 2B VFR Airport

 

By- Usha Rawat

नयी दिल्ली, 31  जनवरी।  केंद्रीय नागर विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने मंगलवार को नई दिल्ली से देहरादून और पिथौरागढ़ को जोड़ने वाली उड़ान सेवा का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी भी पिथौरागढ, उत्तराखंड से शामिल हुए। इसके प्रारम्भ  होने से लगभग 11 घंटे की सड़क दूरी मात्र 1 घंटे में तय की जा सकेगी I

दोनों शहरों को जोड़ने वाली उड़ान आरसीएस (रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम) उड़ान योजना के अंतर्गत “फ्लाई बिग” द्वारा संचालित की जानी है। पिथौरागढ़ हवाई अड्डे को उड़ान-आरसीएस योजना के अंतर्गत 6.68 करोड़ रुपये की लागत से 2बी वीएफआर हवाई अड्डे के रूप में विकसित किया गया है। देहरादून और पिथौरागढ़ के बीच आरसीएस उड़ान को उड़ान 4.2 के अंतर्गत प्रदान किया गया। फ्लाई बिग यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए 19 सीटों वाला ट्विनॉटर डीएचसी 6-400 विमान संचालित करेगा। यह उड़ान शुरू में निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार सप्ताह में 3 दिन संचालित होगी:

उड़ान प्रारम्भ (ओआरआर) गंतव्य (डीईएस) प्रस्थान (डीईपी) आगमन (एआरआर) दिन
एस9 301 डीईडी एनएनएस 10.30 11.45 सोम,मंगल,शुक्र
एस9 304 एनएनएस डीईडी 12.15 13.30 सोम,मंगल,शुक्र

इस नए मार्ग के संचालन से क्षेत्रीय सम्पर्क (कनेक्टिविटी) में वृद्धि होने के साथ ही इन शहरों के बीच व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

इससे लगभग 11 घंटे की दूरी मात्र 1 घंटे में पूरी हो जाएगी

अपने उद्घाटन भाषण में नागर विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि देहरादून-पिथौरागढ़ के बीच उड़ान सेवा सप्ताह में 3 दिन (सोमवार, मंगलवार और शुक्रवार को) संचालित की जाएगी। उन्होंने कहा, ”इसके प्रारम्भ  होने से लगभग 11 घंटे की सड़क दूरी मात्र 1 घंटे में तय की जा सकेगी Iयह उड़ान सेवा पिथौरागढ़ और आसपास के क्षेत्रों, जिनमें अल्मोड़ा, चिन्यालीसौड़, गौचर, सहस्त्रधारा, नई टेहरी और हलद्वानी हेलीपोर्ट शामिल हैं, की पर्यटन क्षमता का विस्तार करेगी और उत्तराखंड के पूर्वी क्षेत्रों को राजधानी देहरादून से जोड़ेगी।

उन्होंने उड़ान योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि धारचूला, हरिद्वार, जोशीमठ, मसूरी, नैनीताल और रामनगर हेलीपोर्ट का भी विकास किया जा रहा है।

उड़ान योजना के अंतर्गत किए गए अन्य बुनियादी ढांचे के विकास पर, श्री सिंधिया ने कहा, “हमने उड़ान 5.1 दौर के अंतर्गत 5 अन्य हेलीपोर्ट की भी पहचान की है, जिसमें बागेश्वर, चंपावत, लैंसडाउन, मुनस्यारी और त्रियुगी नारायण हेलीपोर्ट शामिल हैं। शीघ्र ही इन 5 अन्य हेलीपोर्ट पर भी विकास कार्य शुरू किया जाएगा।”

उड़ान के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में 76 मार्ग स्वीकृत किए गए

उड़ान योजना के क्रियान्वयन में उत्तराखंड सबसे आगे रहा है। इसके बारे में विस्तार से बताते हुए, श्री सिंधिया ने कहा, “उड़ान के अंतर्गत अब तक उत्तराखंड राज्य के लिए 76 मार्ग आवंटित किए गए हैं, जिनमें से देहरादून-पिथौरागढ़ सहित 40 मार्गों का संचालन किया जा चुका है। हमारा प्रयास है कि शेष अन्य मार्गों को भी शीघ्र चालू कर दिया जायेगा। इसके अलावा, हमने हाल ही में देहरादून के अंतरिम टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया, पूर्ण भवन का काम शीघ्र ही पूरा हो जाएगा।

देहरादून हवाई अड्डे पर विकास कार्यों के बारे में बताते हुए श्री सिंधिया ने कहा कि  “457 करोड़ रुपये में विकसित, नए टर्मिनल भवन का कुल क्षेत्रफल 42,776 वर्ग मीटर है और यह टर्मिनल भवन व्यस्त समय में 1800 यात्रियों और प्रतिवर्ष 36.5 लाख यात्रियों को संभाल सकता है।” बुनियादी ढांचे के विकास के प्रभाव के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में यहां से प्रति सप्ताह केवल 86 उड़ानें संचालित होती थीं, आज यहां से 210 उड़ानें संचालित हो रही हैं, अर्थात 144% की वृद्धि हुई है ।

उत्तराखंड में 4 हवाई अड्डों और हेलीपोर्ट से हवाई सेवाएं संचालित की जा रही हैं

व्यापक हवाई कनेक्टिविटी के बारे में विस्तार से बताते हुए श्री सिंधिया ने कहा, “2014 में, हवाई सेवाएं केवल देहरादून हवाई अड्डे से संचालित की जा रही थीं, जबकि आज उत्तराखंड के 4 हवाई अड्डों और हेलीपोर्टों से हवाई सेवाएं संचालित की जा रही हैं और आने वाले समय में यह संख्या बढ़कर 15 हो जाएगी।”

इस अवसर पर नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) भारत सरकार के सचिव श्री वुमलुनमंग वुअलनाम, नागर विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री असंगबा चुबा एओ तथा मंत्रालय के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!