खेल/मनोरंजन

कावड़ यात्रा का जूनून पिंडर घाटी में भी छाने लगा, दूसरी बार हुआ यात्रा का आयोजन

-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-

थराली, 22 जुलाई। गुरूकुल श्री बदरी नारायण संस्कृति विद्यालय रायकोली थराली के तत्वावधान में दूसरी बार रायकोली से कैल एवं पिंडर नदी के संगम तक कावड़ यात्रा का आयोजन किया जिसमें भारी संख्या में शिव भक्तों ने शिरकत की। पहले कावड़ यात्रा हरिद्वार तक ही सीमित थी और पहाड़ों में लोगों ने इसका नाम तक नहीं सुना था।

सावन के पहले सोमवार को प्रातः काल रायकोली के मंदिर से कावड़ यात्रा निकाली गई जो थराली बाजार, चेपड़ो, नंदकेसरी होते हुए कैल एवं पिंडर नदी के संगम त्रिवेणी पहुंची। जहां पर दोनों नदियों की पूजा अर्चना कर कलशों में नदियों का जल भरकर यात्रा सबसे पहले देवाल शिवालय पहुंची जहां पर जलाभिषेक किया गया।

उसके बाद नंदकेसरी स्थिति शिव मंदिर,चेपड़ो स्थित शिवालयों में जलाभिषेक किया गया। बाद में यात्रा बेतालेश्वर महादेव मंदिर थराली में पहुंची जहां पर जलाभिषेक कर कावड़ों ने पूजा अर्चना की।

यहां पर व्यापार संघ ने यात्रा का भव्य स्वागत किया उसके बाद यात्रा थराली से रायकोली की ओर प्रस्थान किया। और देर सायं यात्रा रायकोली गांव पहुंची जहां पर शिव भक्तों ने यात्रा का भव्य स्वागत किया।

इस यात्रा का उत्तराखंड की प्रथम महिला कथावाचिका राधिका जोशी “केदारखण्डी,गुरूकुल श्री बदरी नारायण संस्कृत विद्यालय रायकोली थराली के प्रबंधक नवीन जोशी, विद्यालय के छात्र विवेक, राहुल, चंदू, भुवन, रोशन के अलावा शिव भक्त जीत सिंह, लक्ष्मण फर्स्वाण, सुदर्शन, विनोद रावत, राजेन्द्र रावत, सुरेन्द्र फर्स्वाण आदि ने नेतृत्व किया। यात्रा मार्ग पर शिव भक्तों ने भंडारों का आयोजन भी किया।

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