स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी में बनी काफल बाटिका
-पोखरी से राजेश्वरी राणा-
पर्यावरण को स्वच्छ और साफ रखने वायु प्रदूषण पर नियंत्रण रखने तथा वर्तमान मे पहाडी काफल फल की माग को देखते हुए राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नागनाथ पोखरी के परिसर की 200 मीटर की दूरी पर भूगोल विभाग के सौजन्य से प्राचार्य प्रोफेसर पकज पत के नेतृत्व मे काफल वाटिका बनाई गयी है ।
प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत ने कहा कि भूगोल विभाग की यह सराहनीय पहल है । इस काफल वाटिका का उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश तथा बहुउद्देशीय हेतू उपयोगी होगा ।साथ ही महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों और कर्मचारियों छात्र छात्राओं को निर्देशित किया कि काफल वाटिका के पौधो के सरक्षण की सामूहिक जिम्मेदारी ले साथ ही भूगोल विभाग का यह प्रयास समाज मे एक दूरगामी संदेश देगा ।
काफल वाटिका के संयोजक डा राजेश भट्ट का कहना है कि काफल वाटिका के पौधो की सुरक्षा हेतू भूगोल विभाग के प्रत्येक प्राध्यापकों और कर्मचारियों के नाम पौधो को पंजीकृत किया गया है ।जिससे ये पौधे सुरक्षित रह सके यह प्रदेश और महाविद्यालय की पहली काफल वाटिका है ।जिसमे 50 से अधिक काफल के पौधो का रोपण किया गया है ।
काफल फल पौष्टिक और स्वास्थ वर्दक भी होते हैं । पर्यटन सीजन मे पर्यटकों को पहाड की तरफ आर्कषित करते हैं ।यही नही काफल के पेड की छाल और पत्तियां भी उपयोगी होती है । काबल वाटिका समिति का संरक्षक प्राचार्य प्रोफेसर पंकज पंत, सलाहकार डा नन्द किशोर चमोला, डा संजीव कुमार जुयाल, भूगोल विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अंजलि रावत, संयोजक डा राजेश भट्ट,, नामांकन देखरेख संयोजक डा रेनू सनवाल, सदस्य विजय कुमार,प्रबल सिंह, अनिल कुमार को बनाया गया है।
इस अवसर डा वर्षा सिंह,डा कंचन सहगल,डा शशि चौहान,डा जगजीत सिंह,डा शाजिया सिद्दकी,डा रामानंद उनियाल,डा कीर्ति गिल,डा आयुष वर्तवाल, सहित तमाम महाविद्यालय के प्राध्यापक कर्मचारी और छात्र छात्राएं मौजूद थे ।