केदार घाटी आपदा-दो: वायु सेना के बाद थल सेना भी बचाव और राहत अभियान में कूदी : please watch video clip
By – MS Gusain / Usha Rawat
रुद्रप्रयाग, 4 अगस्त। केदारनाथ घाटी में बादल फटने से आयी ताजा आपदा से निपटने के लिये वायु सेना के बाद अब थल सेना भी मैदान में उतर आयी है। इस आपदा में केदारनाथ के यात्रियों और स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिये सेना के इंजिनियर कामचलाऊ व्यवस्था में जुट गये हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना के इंजिनीयर आवागमन सुचारू करने के लिये दो अत्यधिक क्षतिग्रस्त स्थानों पर अस्थाई पुल बना रहे हैं। ऐसे काम्बेट पुल सेना प्रायः आपात स्थिति में अपना कानवॉय निकालने या युद्ध क्षेत्र में बनाते हैं। इन पुलों से शीघ्र ही शेष फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया जायेगा।
राज्य आपातकालीन केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज दिन तक कुल 9580 फंसे हुये यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। आज ही दोपहर तक 481 यात्रियों को रेस्क्यू कर दिया गया था। कल1865 यात्रियों को रेस्क्यू किया गया था। वायु सेना के 01 एमआइ-17 एवं चिनूक हेलीकाप्टर द्वारा मौसम के दृष्टिगत तीर्थयात्रियों को निकालने की कार्रवाही की जा रही है।
केदारनाथ मार्ग केवल कुण्ड तक सुचारू है।गौरीकुड -केदारनाथ पैदल मार्ग भी लिनचौली में भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है। रामबाड़ा के पास भूस्खलन से 2 स्थाई पुल क्षतिग्रस्त हैं। पूरे 3द्रप्रयाग जिले में 18 ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हैं।
सीईओ बीकेटीसी योगेंद्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को लगातार प्रयास किया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन केदारनाथ धाम में फंसे हुए यात्रियों 373 यात्रियों, स्थानीय लोगों एवं मजदूरों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की मदद से लिनचोली तक पहुंचाने के लिए रवाना कर दिया गया है। लिनचोली से एयरलिफ्ट कर इन सभी को रेस्क्यू किया जाएगा। वहीं केदारनाथ हैलीपैड पर अभी 570 यात्री, स्थानीय लोग और मजदूर एयर लिफ्ट होने का इंतजार कर रहे हैं। केदारनाथ में सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन, बीकेटीसी और तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा फूड पैकेट्स, पानी की बोतलें, फल उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
उधर रामबाड़ा चौमासी ट्रैक से एनडीआरएफ एव एसडीआरएफ द्वारा 110 यात्रियों को रेस्क्यू कर चौमासी पहुंचा दिया गया है। ट्रैक पर सुरक्षा बलों द्वारा यात्रियों को लगातार फूड पैकेट्स, पानी सहित चिकित्सा उपचार उपलब्ध करवाया गया। अब तक इस मार्ग से 534 से अधिक यात्रियों एव स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।