जानिए अरुणाचल प्रदेश के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
-अरुणाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा 20 फरबरी 1987 को मिला।
-20 जनवरी 1972 को नेफा का नाम बदल कर अरुणाचल किया गया।
– आकार में अरुणाचल प्रदेश उत्तर पूर्व के 7 राज्यों में सबसे बड़ा राज्य है। क्षेत्रफल में यह असम से भी बड़ा पद्रेश है।
-अरुणाचल प्रदेश की 1630 कि.मी. लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पड़ोसी देशों से लगी हुयी है। जिसमें 1030 कि.मी. चीन के साथ, 160 कि.मी. भूटान के साथ और 440 कि.मी. म्यमार के साथ लगी हुयी है।
-भारतीय उप महाद्वीप मंे अरुणाचल प्रदेश ऐसा क्षेत्र है जहां सबसे अधिक क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती हैं।
-पहले यह प्रदेश 17 जिलों में विभक्त था लेकिन वर्ष 2013 में 4 नये जिलों के श्रृजन के बाद अब प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 21 हो गयी है।
-अरुणाचल की जलवायु दक्षिण में उप शीतोष्ण तथा उत्तर में अल्पाइन है।
– राज्य में कुल 26 मुख्य जनजातियां और 100 से अधिक उप जनजातियां निवास करती हैं।
-अरुणाचल में नव पाषाणकाल की कुछ वस्तुएं मिली हैं जो कि लगभग 11,000 साल से पुरानी मानी गयी हैं।
-तवांग स्थित 400 वर्ष पुराना बौद्ध मठ भारत का सबसे बड़ा तथा विश्व का दूसरा बड़ा बौद्ध मठ है।
-अरुणाचल प्रदेश का राज्य पक्षी हॉर्नबिल, राज्य पुष्प फॉक्स टेल आर्किड, राज्य पशु मिथुन तथा राज्य वृक्ष हौलौंग है।
-अरुणाचल में देश की सर्वाधिक स्तनपाई जीव प्रजातियां पायी जाती हैं। प्रजातियों की संख्या 200 से अधिक रिकार्ड की गयी है।
-घरेलू पर्यटकों को भी अरुणाचल में प्रवेश के लिये इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है।
( लेखक जयसिंह रावत की पुस्तक -“हिमालयी राज्य सन्दर्भ कोष” से साभार )