आठवीं मिसाइल सह गोला बारूद (एमसीए) बजरा, एलएसएएम 11 (यार्ड 79) का प्रक्षेपण
These Barges have been indigenously designed and built by the Shipyard in collaboration with an Indian Ship design firm and the Indian Register of Shipping (IRS). Model testing was undertaken at the Naval Science and Technological Laboratory (NSTL), Visakhapatnam to ensure seaworthiness. The Shipyard has successfully delivered seven of these Barges to date and is being utilized by Ithe ndian Navy for its operation evolutions by facilitating Transportation, Embarkation, and Disembarkation of articles/ ammunition to IN platforms both alongside jetties and at outer harbors.
आठवीं एमसीए बार्ज, एलएसएएम 11 (यार्ड 79) नौका का जलावतरण समारोह 14 फरवरी, 2025 को मीरा भयंदर, महाराष्ट्र, मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड विशाखापत्तनम के जलावतरण स्थल पर आयोजित किया गया। कमोडोर एन गोपीनाथ, सहायक महाप्रबंधक (पीएल), एनडी (एमबीआई) शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि थे।
आठवें मिसाइल सह गोला बारूद बजरों के निर्माण का अनुबंध एमएसएमई शिपयार्ड, मेसर्स सेकॉन इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, विशाखापत्तनम के साथ 19 फरवरी, 2021 को किया गया था। इन नौकाओं को भारतीय जहाज डिजाइनिंग फर्म और भारतीय शिपिंग रजिस्टर (आईआरएस) के सहयोग से शिपयार्ड द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन व निर्मित किया गया है। समुद्री योग्यता सुनिश्चित करने के लिए मॉडल का परीक्षण विशाखापत्तनम की नौसेना विज्ञान एवं तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) में किया गया। शिपयार्ड ने अब तक इनमें से सात बजरों की सफलतापूर्वक डिलीवरी की है और इनका उपयोग भारतीय नौसेना द्वारा अपने विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। इसकी प्रमुख जिम्मेदारियों में जेटी और बाहरी बंदरगाहों के साथ भारतीय नौसेना के प्लेटफार्मों तक साजो-सामान/गोला-बारूद का परिवहन, चढ़ाना और उतारना शामिल है।
ये छोटे जहाज भारत सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।