दून लाइब्रेरी में विविधता में एकता विषय पर सचित्र व्याख्यान
देहरादून, 2 अक्टूबर। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से आज सायं विविधता मे एकता विषय पर सामाजिक चिंतक अमरदीप सिंह द्वारा एक सचित्र व्याख्यान प्रस्तुत किया गया.अमरदीप सिंह ने गुरु नानक, बाबा फरीद और संत कबीर की रचनाओं तथा उनके द्वारा किये गए समाज सुधार कार्यों से समाज मे एकता का जो भाव पैदा हुआ उसे शानदार तरीके से व्यक्त किया.
उल्लेखनीय है कि गुरु नानक ने अपने जीवन काल में २२ साल, अपने इकलौते साथी भाई मरदाना के साथ व्यापक यात्राएं की – जो उन्हें उत्तर में बगदाद से लेकर दक्षिण में श्रीलंका, नौ देशों के आप-पार ले गयीं।
सिंगापुर निवासी श्री अमरदीप सिंह रांगढ़ ने, करीब 2016 से 2019 के बीच, गुरु नानक औरक उनके दर्शन और तब की संस्कृति की खोज में उन सभी नौ देशों और जगहों की यात्राएं की – और उसके अंत में उनको अपने जीवन का ध्येय मिल गया।
सिंगापुर निवासी, श्री अमरदीप सिंह रांगढ़ के पिताजी मूलत:उड़ी-मुज़फ़्फ़राबाद (जो वर्तमान पाकिस्तान में है) के थे। विभाजन के बाद, वे गोरखपुर में बस गए, जहाँ उनका अपने कारोबार के सिलसिले में आना-जाना होता था। अमरदीप का जन्म वहीँ, गोरखपुर में हुआ। उनकी स्कूली शिक्षा देहरादून में ही दून स्कूल में हुई।
आगे की पढ़ाई मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी तथा अमरीका के शिकागो विश्वविद्यालय में हुई और अगले २५ साल वे कॉर्पोरेट जगत में नौकरी पर रहे। 2014 में उन्होंने नौकरी छोड़ी और अपनी पत्नी विनिंदर कौर के साथ, नानक की खोज में एक नयी यात्रा पर पर चल पड़े। वे कहते हैं की अपनी नानक यात्राओं के बाद से वे “Visual Ethnography-based Content” – “मानव-जाति विज्ञानं आधारित दृष्य-श्रव्य सामग्री” विकसित करने में लगे हुए हैं। अपनी शुरू की यात्राओं के आधार पर उन्होंने पाकिस्तान में सिख परंपरा पर दो बड़ी किताबें “Lost Heritage” (“गुम हुई विरासत”) व “The Quest Continues, Lost Heritage” (“खोज जारी है – गुम हुई विरासत”) लिखीं, जो वास्तव में हमारे उपमहाद्वीप के विभाजन से प्रभावित व खंडित हुई हमारी समधर्मी विरासत के अवशेषों पर दृष्टि डालती है।
तब से अब, वे “Allegory – A Tapestry of Guru Nanak’s Travels” (“रूपक – गुरु नानक की यात्राओं के शोभाचित्र”) शीर्षक से वे 24 श्रंखलाओं की एक डाक्यूमेंट्री श्रंखला बना चुके हैं जो https://thegurunanak.com पर निशुल्क उपलब्ध है और जल्दी ही पांच भाषाओँ में उपलब्ध होगा। नवंबर 2022 में अमरीका की हॉफ्स्ट्रा विश्वविद्यालय ने इस डाक्यूमेंट्री शृंखला लिए उन्हें 8वें “Biennial Interfaith Award” से नवाज़ा। वर्तमान में अमरदीप विनिंदर “Oneness in Diversity” (“अनेकता में एकता”) परियोजना पर काम कर रहे हैं जिसके तहत गुरु ग्रन्थ साहिब में विभिन्न भारतीय भक्ति कवि-संतों की वाणी पर आधारित शैक्षणिक दृष्य-श्रव्य सामग्री पर वे काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम के आरम्भ मे दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने सभागार में उपस्थित लोगों और अतिथि वक्ता अमरदीप सिंह का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन हिन्द स्वराज्य मंच के श्री अजय कुमार जोशी ने किया. इस अवसर पर गांधीवादी चिंतक बिजू नेगी ने भी अपने विचार रखे.
कार्यक्रम में विभापुरी दास, ,सतीश धौलाखण्डी, सुरेंद्र सिंह, देवेंद्र कुमार,सुशीला नेगी, सुंदर बिष्ट, पुष्पलता मंमगाई,मदन सिंह, राकेश कुमार, राजू गुसाईं,रेणु शुकला, अपर्णा वर्धन सहित अनेक लेखक, साहित्यकार, विचारक और दून पुस्तकालय के युवा पाठक उपस्थित रहे
—————————————————————–
दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र, लैंसडाउन चौक, देहरादून, 9410919938