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दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र में आयोजित व्याख्यान में लेखन और अनुवाद विषय पर हुयी चर्चा

-Uttarakhandhimalaya.in –

देहरादून, 19 अगस्त। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र की ओर से शनिवार को अपराह्न 5:00 बजे एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।इस व्याख्यान में अंग्रेजी विषय के प्रोफेसर डॉ.अरुण पन्त , गढ़वाल विश्वविद्यालय, बादशाहीथौल टिहरी कैम्पस, ने लेखन और अनुवाद विषय पर सार्थक चर्चा की।

उत्तराखण्ड की लोक कथाएं विषय पर गोविंद चातक की लिखी पुस्तक पर अंग्रेजी में अनुदित अपनी पुस्तक तथा अंग्रेजी में लिखी अपनी पुस्तक द मून ओवर भागीरथी के माध्यम से उन्होंने दो शिल्पों और साहित्यिक भूमिकाओं के बीच परिवर्तन में शामिल अनुशासन पर व्यापक व्याख्या प्रस्तुत की।

प्रो. पन्त ने कहा कि रचनात्मक दृष्टि से हर लेखक अथवा साहित्यकार की अपनी विशेषता होती है। सामाजिक घटनाओं को सतत रूप से अपनी कल्पनाशीलता के बल पर लेखक के अंदर सुंदरता से पिरोने की अद्भुत क्षमता होती है। दरअसल लोक से उपजी कहानी मूल रूप से मौखिक रूप से लेखन की विधा तक पहुंची है।

उपस्थित लोगों ने इस अवसर पर सवाल जबाब भी किये।
इस अवसर पर बिमल गैरोला, डॉ.योगेश धस्माना , दुर्गेश भट्ट, अरुण असफल, देवेश जोशी, शूरवीर सिंह रावत, सत्यानंद बडोनी, शुशीला नेगी, जगदीश बाबला,राधिका धस्माना, सुंदर बिष्ट, कुसुम रावत, सुरेंद्र सजवाण,बिजू नेगी, निकोलस हॉफलैण्ड व श्री चन्द्रशेखर तिवारी सहित युवा पाठक व लेखक,साहित्यकार उपस्थित थे।

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