उद्यमी बनें स्टुडेंट्स, लगाएं खुद की प्रोडक्शन यूनिट
—-प्रो. श्याम सुंदर भाटिया
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज-एफओईसीएस में यांत्रिक अभियांत्रिकी की ओर से पुनर्नवीनीकरण पॉलिएस्टर स्टेपल फाइबर, सिंथेटिक चमडे, और पीपी गैर-बुने हुए कपड़े के संयंत्रों के उत्पाद पर अतिथि व्याख्यान हुआ,जिसमें निर्मल फाइबर्स प्राइवेट लिमिटेड, गजरौला के निदेशक श्री आरके जैन ने बतौर चीफ गेस्ट कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस दौरान एफओईसीएस के लगभग 200 छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। इससे पूर्व मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर श्री माहिर हुसैन ने मुख्य अतिथि श्री आरके जैन समेत वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया। इस व्याख्यान के रिसोर्स पर्सन श्री आरके जैन ने बतौर मुख्य अतिथि अपनी कंपनी, उसके उत्पादों और निष्पादन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा, उनकी कंपनी फालतू प्लास्टिक की बोतलों को पतले रेशों में पुनर्चक्रित करने पर काम करती है। इस पतले फाइबर का उपयोग सर्जिकल उद्योग, खिलौना उद्योग, कालीन उद्योग और कई दीगर उत्पादों के उत्पादन के लिए किया जा सकता है। पिघले हुए प्लास्टिक को पतले रेशे में बदलने की संक्षिप्त प्रक्रिया पर भी श्री जैन ने चर्चा की। उन्होंने कहा, कंपनी के पास प्रतिमाह 2000 टन प्लास्टिक की बोतलों के रूपांतरण की क्षमता है। उन्होंने समझाया कि पूरी प्रक्रिया नियंत्रित तापमान पर होती है। इसका पर्यावरण पर भी कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है। इसी में उन्होंने साझा किया कि उत्पादित फाइबर का निर्यात पड़ोसी देशों के साथ-साथ यूरोपीय देशों में भी किया जाता है। उन्होंने अपने दूसरे उत्पाद फर्नीचर उद्योग, होटल उद्योग और असली चमडे़ के प्रतिस्थापन पर प्रयोग होने वाले सिंथेटिक चमड़े के विभिन्न रंगों और आकारों के बारे में बताया। उन्होंने बताया, सिंथेटिक चमड़े का उत्पादन सूती कपड़े पर पीवीसी सामग्री को जोड़कर किया जाता है। इसे निरन्तर निर्माण इकाई की मदद से गर्म और संपीड़ित करके समान बनाया जाता है। विनिर्माण इकाई में कृत्रिम चमडे़ के प्रति मिनट 05 लाख मीटर उत्पादन की क्षमता है। विनिर्माण इकाई की लम्बाई स्वंय 90 मीटर है। तीसरा उत्पाद मेडिकल ब्लू फैब्रिक था, जो प्रकृति में स्वच्छ है और मास्क, पीपीई किट और सभी संबंधित सर्जिकल उत्पादों को बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। अंत में उन्होंने छात्रों को एक उद्यमी बनने और अपनी खुद की निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। टीएमयू के छात्रों और शिक्षकों को अपनी कंपनी निर्मल फाइबर्स प्राइवेट लिमिटेड का भ्रमण करने के लिए भी आमंत्रित किया। इस अवसर पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की फैकल्टी असिस्टेंट प्रोफेसर श्री हरीश कुमार, श्री हिमांश कुमार, श्री अरुण गुप्ता, श्री सुनील कुमार, श्री भगवान, श्री सुनील गौर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग से श्री प्रदीप कुमार वर्मा, सिविल इंजीनियरिंग विभाग के एचओडी प्रो. आरके जैन सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।