जेद्दाह में भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई, रक्षा और संस्कृति पर विशेष जोर
The second leaders meeting of the India-Saudi Arabia Strategic Partnership Council (SPC) was co-chaired by Hon’ble Prime Minister of India Shri Narendra Modi and His Royal Highness Prince Mohammed bin Salman, Crown Prince and Prime Minister of the Kingdom of Saudi Arabia on 22 April 2025 in Jeddah. The Council reviewed the work of the various committees, subcommittees and working groups under the SPC, which encompass political, defence, security, trade, investment, energy, technology, agriculture, culture and people-to-people ties. The discussions were followed by signing of the minutes by the two leaders.To reflect the deepening of defence partnership over the past few years – including joint exercises, training programmes, and collaboration in defence industry, the Council decided to create a new Ministerial Committee on Defence Cooperation under the SPC.

जेद्दाह, 22 अप्रैल — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब यात्रा ऐतिहासिक साबित हुई, जब उन्होंने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के साथ मिलकर भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद (Strategic Partnership Council – SPC) की दूसरी उच्चस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की। जेद्दाह में आयोजित इस बैठक ने न सिर्फ दोनों देशों के बहुआयामी संबंधों को मजबूती दी, बल्कि रक्षा, निवेश, संस्कृति और तकनीक जैसे अहम क्षेत्रों में नई ऊर्जा भी भरी।
चार स्तंभों पर मजबूत होती साझेदारी
इस बैठक के दौरान SPC के अंतर्गत कार्यरत विभिन्न समितियों और उपसमितियों के कार्यों की समीक्षा की गई। इसके साथ ही परिषद ने दो नई मंत्री स्तरीय समितियों की स्थापना की घोषणा की — रक्षा सहयोग समिति तथा पर्यटन और सांस्कृतिक सहयोग समिति, जिससे अब SPC की चार प्रमुख समितियाँ होंगी:
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राजनीतिक, कौंसलर और सुरक्षा सहयोग समिति
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रक्षा सहयोग समिति
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अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, निवेश और प्रौद्योगिकी समिति
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पर्यटन और सांस्कृतिक सहयोग समिति
इन समितियों के माध्यम से राजनीतिक विश्वास, रक्षा संबंधों की मजबूती, आर्थिक निवेश, तकनीकी साझेदारी और लोगों के बीच संपर्क को और गहराई मिलेगी।

रक्षा और संस्कृति में नई शुरुआत
बीते वर्षों में भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा संबंधों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है — संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण कार्यक्रम और रक्षा उद्योग में सहयोग इसकी मिसाल हैं। इसे और सशक्त करने के लिए रक्षा सहयोग पर अलग समिति की घोषणा की गई। वहीं, भारतीय प्रवासी और तीर्थ यात्रा जैसे क्षेत्रों में बढ़ते पारस्परिक संबंधों को देखते हुए सांस्कृतिक सहयोग समिति की स्थापना भी एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

निवेश के क्षेत्र में बड़ा मील का पत्थर
भारत और सऊदी अरब के बीच 100 अरब डॉलर के निवेश लक्ष्य को साकार करने की दिशा में भी तेज़ प्रगति हुई है। उच्च स्तरीय निवेश कार्यबल (High-Level Task Force on Investment) की बैठक में ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल, स्वास्थ्य, डिजिटल तकनीक और अधोसंरचना जैसे क्षेत्रों में निवेश को गति देने पर सहमति बनी।
विशेष रूप से, भारत में दो नई रिफाइनरियों की स्थापना पर बनी सहमति, और कराधान जैसे तकनीकी क्षेत्रों में मिली सफलता, भविष्य के निवेश सहयोग के लिए नई राह खोलती है।
अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और डाक क्षेत्र में भी बढ़ा सहयोग
भारत और सऊदी अरब के बीच चार महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर भी हस्ताक्षर हुए:
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भारत और सऊदी स्पेस एजेंसी के बीच शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए अंतरिक्ष गतिविधियों में सहयोग
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स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत और सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच समझौता
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एंटी-डोपिंग शिक्षा और रोकथाम में सहयोग के लिए भारतीय और सऊदी एजेंसियों के बीच समझौता
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डाक सेवा क्षेत्र में सहयोग हेतु सऊदी पोस्ट और भारत सरकार के डाक विभाग के बीच समझौता

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल दोनों देशों के रणनीतिक रिश्तों की गहराई को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि भारत की विदेश नीति अब केवल कूटनीतिक बैठकों तक सीमित नहीं, बल्कि ठोस क्षेत्रीय सहयोग, निवेश और जन-संपर्क पर केंद्रित है। जेद्दाह में हुई यह बैठक, भारत-सऊदी संबंधों को 21वीं सदी की नई वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी। ( A PIB input)