क्षेत्रीय समाचार

श्रद्धा और स्मरण का संगम : महंत अवैद्यनाथ की पुण्यतिथि पर भावपूर्ण समारोह

 

बिथ्याणी (यमकेश्वर), 13 सितम्बर। गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय बिथ्याणी (यमकेश्वर) में ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी की 11वीं पुण्यतिथि पर स्मृति समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर उन्हें प्रखर विचारक, राम जन्मभूमि आंदोलन के वीर योद्धा तथा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति समर्पित जननेता के रूप में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

कार्यक्रम का शुभारंभ महंत अवैद्यनाथ की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यवाह दिनेश सेमवाल ने महंत जी के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योगदान और गुरु गोरखनाथ महाविद्यालय की स्थापना में उनकी भूमिका का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन में पाँच निष्ठाओं और कर्तव्यों को आत्मसात करने का आह्वान किया।

अध्यक्षता कर रहीं यमकेश्वर की पूर्व विधायक, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष विजया बड़थ्वाल ने कहा कि जब यमकेश्वर उच्च शिक्षा से वंचित था, तब स्थानीय निवेदन पर महंत अवैद्यनाथ जी ने इस महाविद्यालय की स्थापना कर क्षेत्र को नई दिशा दी। उन्होंने महंत जी की शिक्षाओं को सभी के लिए समान रूप से उपयोगी बताया।

वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शास्त्री ने मुख्य वक्ता के रूप में महंत जी के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार देवभूमि के सपूत कृपाल सिंह बिष्ट नाथ परंपरा में प्रवेश कर अवैद्यनाथ बने। उन्होंने विद्यार्थियों को चेताया कि वे चाहे जीवन में जिस भी ऊँचाई पर पहुँचें, अपनी जड़ों को कभी न भूलें, क्योंकि जड़ों से कटकर व्यक्ति अपने गौरवशाली अतीत से विमुख हो जाता है।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) योगेश शर्मा और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी महेंद्र बिष्ट ने संस्थान की स्थापना से लेकर वर्तमान तक की गतिविधियों पर चर्चा की। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. मीरा रतूड़ी ने गुरु गोरखनाथ से लेकर महंत अवैद्यनाथ तक की परंपरा की जानकारी साझा की।

समारोह में जिला पंचायत सदस्य उमरोली बचन बिष्ट, प्रमिला बलूनी, कविता डबराल, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष व पूर्व जिला पंचायत सदस्य विनोद डबराल समेत सामाजिक कार्यकर्ता देवी प्रसाद बडूनी, मधुसूदन बलूनी और अनेक ग्राम प्रधान मौजूद रहे।

महाविद्यालय की छात्रा मेघा ने अपने संबोधन में युवाओं से महापुरुषों के जीवनवृत्त का अध्ययन करने और उससे प्रेरणा लेने का आग्रह किया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर उमेश कुमार त्यागी ने किया।

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