यूसीसी और महिला अत्याचार के खिलाफ महिला कांग्रेस ने किया देहरादून में विशाल प्रदर्शन
देहरादून 26 मार्च। उत्तराखंड प्रदेश महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य में महिलाओं पर लगातार बढ़ते अत्याचार को रोके जाने, यूसीसी में लिव-इन-रिलेशन का प्रावधान समाप्त किये जाने तथा विधानसभा एवं लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू किये जाने की मांग को लेकर प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में प्रदर्शन के साथ मुख्यमंत्री आवास घेराव कार्यक्रम आयोजित करते हुए राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन प्रेषित किया।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज बडी संख्या में महिला कांग्रेस कर्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में दिलाराम स्थित सैन्ट्रियो मॉल पर एकत्र होकर वहां से नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया।
राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन में प्रदेश महिला अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि भ्रष्टाचार और भयमुक्त सरकार के अपने वायदे पर अमल करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। राज्य सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में राज्य में हत्या, लूटपाट, चोरी, डकैती, बलात्कार, चेन स्नैचिंग, टप्पेबाजी आदि अपराधों की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्ष के कार्यकाल में महिलाओं और नाबालिगों के साथ जितने अत्याचार और बलात्कार हुए हैं उसने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। अंकिता भंडारी हत्याकांड में भाजपा नेता की संलिप्तता तथा हत्याकांड के लिए जिम्मेदार वीआईपी का नाम भाजपा सरकार तीन साल में उजागर नहीं कर पाई है। अंकिता भंडारी हत्याकांड हो, हेमा नेगी हत्याकांड हो, पिंकी हत्याकांड हो, चाहे बहादराबाद बलात्कार और हत्याकांड हो भाजपा की राज्य सरकार इन मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए है। बहादराबाद में भाजपा नेता पर दलित युवती के बलात्कार के बाद हत्या का आरोप, नैनीताल में दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा पर बलात्कार का आरोप, अल्मोड़ा में भाजपा नेता भगवत सिंह बोरा पर नाबालिग के साथ छेड़छाड का आरोप, उधमसिंहनगर में भाजपा पार्षद शिव कुमार गंगवार पर एक मां और उसकी नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोपों से साबित हो गया है कि भ्रष्टाचारी और बलात्तकारियों को राज्य की भाजपा सरकार का पूरा संरक्षण प्राप्त है। राज्य की जनता में भय का वातावरण व्याप्त है तथा आमजन विषेशकर महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं इससे यह भी स्पष्ट हो चुका है कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है तथा अपराधियों के मन से कानून का भय समाप्त हो चुका है।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में यू.सी.सी. लागू की गई है। उत्तराखंड सदियों से अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों के लिए प्रसिद्ध है तथा यहां का समाज सनातन परंपराओं और पारिवारिक संस्कारों पर टिका हुआ है। देवभूमि की सांस्कृतिक और नैतिक मर्यादाओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि यू.सी.सी. से लिव-इन-रिलेशनशिप जैसे प्रावधानों को हटाया जाना चाहिए। राज्य में यू.सी.सी. लागू होने के उपरान्त जिस गति से लिव-इन रिलेशनशिप जैसी प्रथाएं तेजी से पैर पसार रही हैं। यह न केवल हमारी सामाजिक संरचना को कमजोर करेगा, बल्कि युवाओं को नैतिक रूप से भटकाने का भी कार्य करेगा, बावजूद, राज्य सरकार ने यूसीसी में लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता देने का काम किया है, जो सर्वथा अनुचित है। यूसीसी में लिव-इन रिलेशनशिप के प्रावधान के कारण विदूषक दूरगामी परिणाम सामने आ सकते हैं अतः लिव-इन-रिलेशन के प्रावधान को समाप्त किया जाना चाहिए।