राजनीति

उर्मिला सनावर के आरोपों की जांच के लिए महिला मंच का प्रदर्शन

उत्तराखंड महिला मंच ने दी चेतावनी, वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं हुआ तो राज्यव्यापी आंदोलन

देहरादून, 25 दिसंबर। बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी उर्मिला सनावर द्वारा लगाये गये आरोपों की जांच की मांग को लेकर उत्तराखंड महिला मंच ने गांधी पार्क के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का उत्तराखंड इंसानियत मंच ने भी समर्थन किया। महिलाओं ने कहा कि उर्मिला के आरोप बेहद गंभीर हैं। इन आरोपों की जांच हो और अंकिता के वीआईपी के नाम को उजागर किया जाए।

उत्तराखंड महिला मंच की संयोजन कमला पंत ने कहा कि उर्मिला सनावर ने जिन लोगों के नाम लिये हैं वे सत्ताधारी बीजेपी की बड़े नेता हैं। इसलिए सरकार को इन आरोपों की तुरंत जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह जांच हाई कोर्ट के जज की निगरानी में सीबीआई से करवाई जाए। यदि जल्द जांच शुरू नहीं की गई तो उत्तराखंड महिला मंच अन्य संगठनों के साथ मिलकर राज्यव्यापी आंदोलन शुरू कर देगा।

उन्होंने उन्नाव की बेटी के सजायाफ्ता दोषी बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की सजा निलंबित किये जाने पर भी अफसोस जताया और कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली पार्टी के राज में बेटियों के गुनहगारों को जेलों से छोड़ा जा रहा है और मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया जा रहा है।

निर्मला बिष्ट ने कहा कि उर्मिला सनावर के आरोपों को हम पूरी तरह सही नहीं मान रहे हैं। लेकिन, जिस बेबाकी से उसने दुष्यंत गौतम के साथ ही अपने कथित पति पूर्व विधायक सुरेश राठौर के नाम लिए और जिस तरह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट पर कई गंभीर आरोप लगाये, उससे शक होता है कि कहीं न कहीं कुछ तो जरूर है। बीजेपी को आम लोगों के इस शक को दूर करना चाहिए। यह अंकिता के गुनहगारों को सामने लाकर ही संभव है।

उत्तराखंड इंसानियत मंच के त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि उर्मिला सनावर के आरोप झूठे हो सकते हैं, लेकिन उसे इस तरह का झूठ बोलने का मौका सरकार ने ही दिया। अंकिता के वीआईपी के नाम का पहले ही खुलासा कर दिया जाता, मामले की सीबीआई जांच का सरकार विरोध नहीं करती और एसआईटी जांच में वीआईपी को भी शामिल किया जाता तो यह नौबत नहीं आती।

विमला कोली ने इस नये खुलासे को शर्मनाक बताया और कहा कि चार दिन बाद भी सरकार इस मामले में मौन साधे हुए है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट इसे अनुसूचित जाति के नेता का अपमान बताकर मामले को डायवर्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपराधी की कोई जाति नहीं होती कोई धर्म नहीं होता, वह सिर्फ अपराधी होता है। दुष्यंत गौतम में अपराध किया या नहीं, इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।

इस मौके पर लता नेगी, पंचमी रावत, मंजू बलोदी, शकुंतला मुंडेपी, लक्ष्मी चौहान, सीमा नेगी, रामेश्वरी रावत, पार्वती नेगी, आशा पैन्यूली, प्रभात डंडरियाल आदि मौजूद थे।

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