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आतंकवादियों से मुकाबला करते हुये उत्तराखण्ड के दो और लाल शहीद हो गये

-राजेश्वरी राणा पोखरी से

देहरादून, 15 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर के पुछ क्षेत्र में आतंकवादियों से मुकाबला करते हुये उत्तराखण्ड के दो और लाल शहीद हो गये। दोनों ही शहीद 48 राष्ट्रीय रायफल्स के थे और मूल रूप से गढ़वाल रायफल्स के बहादुर जवान थे। इनमें एक 26 वर्षीय विक्रमसिंह नेगी टिहरी जिले की गजा तहसील के बिमाण गांव का तथा दूसरा शहीद योगम्बर सिंह भण्डारी चमोली जिले के पोखरी ब्लाक के सांकरी गांव का था।

दोनों  के गावों में आज कोहराम मचा हुआ हैै। विक्रम सिंह अपने पिता साहबसिंह नगी का एकमात्र पु़त्र था। विक्रम अपने पीछे माता पिता और पत्नी के साथ ही डेढ साल का बेटा छोड़ गया। जबकि सेम सांकरी का योगम्बर सिंह अपने पीछे पत्नी और माता-पिता एक बहिन और एक भाई के साथ ही 7 महीने का बेटा छोड़ गया। योगम्बर की शहादम की खबर सुनते ही पोखरी क्षेत्र में मातम छा गया। योगम्बर सिंह 

Martyr Yogambar Singh Bhandari

वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत के गांव का था।

 

पोखरी प्रखंड के ग्राम-सांकरी  का एक  26 वर्षीय17 गढ़वाल राइफल्स के  48 राष्ट्रीय  राइफल्स का जवान ग्राम – सांकरी निवासी , राइफलमैन योगम्बर सिंह कल रात्रि जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए।

योगम्बर के शहीद होने की सूचना  पर परिवार मे कोहराम मचा है। गांव मे भी मातम छाया हुआ है। पूरा गांव शहीद के घर पर बैठा है। गांव वासी पूर्व सैनिक  शिव सिंह रावत ने बताया गया कि ग्राम-सांकरी का योगम्बर सिंह  गढ़वाल राइफल्स मे  भर्ती हुए छटवां साल चल रहा था।, पिछले महिने  जुलाई मे एक महिने की छुट्टी घर आया था,वह छुट्टी से अपनी ड्यूटी पर उड़ी- जम्मू- मे  तैनात था।

चमोली के सांकरी गांव में शहीद योगम्बर की विधवा कुसुम का बुरा हाल है।

गत दिवस को आतंकवादी मुठभेड मे अपने एक अन्य साथी के साथ शहीद हो गया है।शुक्रवार को शहीद सैनिक के स्वजनो को आर्मी हेडक्वार्टर से दिन के दो बजे योगम्बर सिंह के शहीद होने की सूचना मिली है।शहीद सैनिक की शादी है हुए तीन साल होने को है,और एक लड़का भी है।

Akshit Singh son of martyr Yogambar Singh

जो कि एक साल का होने जा रहा है।प्रधान ने बताया कि शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर सेना के जवान दो बजे दिन मे श्रृषिकेष पहुंच चुके है, उन्होने उमीद जताई है कि देर रात्रि या कल सुबह तक घर पहुंच जायेगे।

 

Virendra Singh Father of Martyr Yogambar Singh Bhandari. He is childhood friend of journalist Jay Singh Rawat.

शहीद के परिवार मे माता जानकी देवी,पिता विरेन्द्र सिंह के अलावा दो भाई प्रशांत सिंह व वसुदेव सिंह तथा एक बहिन कु0 श्रृतु व पत्नी कुसुम देवी और एक साल का पुत्र अक्षित है।

संदेशे आते हैं
हमें तड़पाते हैं
तो चिट्ठी आती है
वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे
के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है

किसी दिलवाली ने
किसी मतवाली ने
हमें खत लिखा है
ये हमसे पूछा है
किसी की साँसों ने
किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने
किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने
किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने
मचलती शामों ने
अकेली रातों में
अधूरी बातों ने
तरसती बाहों ने
और पूछा है तरसी निगाहों ने
के घर कब आओगे
के घर कब आओगे
लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये दिल सूना सूना है

 

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