Front Pageपर्यावरण

मशीनीकृत स्वच्छता : सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और सम्मान की रक्षा

 

 

  • नमस्ते योजना के अंतर्गत देश भर में अगस्त 2025 तक 84,902 सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारियों (एसएसडब्ल्यू) को मान्यता दी गई है।
  • राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसएसडब्ल्यू को 45,871 व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट और आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयों (ईआरएसयू) को 354 सुरक्षा उपकरण किट वितरित किए गए हैं।
  • 54,140 लाभार्थियों को आयुष्मान भारत- पीएमजेएवाई और राज्य स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत लाया गया है।
  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय तथा नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के सहयोग से विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर 2.5 लाख कचरा बीनने वालों की प्रोफ़ाइल बनाने के लिए वेस्ट पिकर एन्यूमरेशन ऐप लॉन्च किया।

 

नयी दिल्ली, 14 सितम्बर। जुलाई 2023 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (MoSJE) तथा आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा शुरू की गई मशीनीकृत स्वच्छता इकोसिस्‍टम के लिए राष्ट्रीय कार्रवाई (नमस्ते) योजना, भारत में सफाई कर्मचारियों और कचरा बीनने वालों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य खतरनाक सफाई प्रथाओं को समाप्त करना, मशीनीकृत और सुरक्षित स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देना, तथा सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा, सम्मान और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित करना है। यह योजना देश के 4800 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) में 2025-26 तक 349.70 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ कार्यान्वित की जा रही है।

नमस्ते योजना का लक्ष्य स्वच्छता कार्यों में शून्य मृत्यु दर सुनिश्चित करना, मानव मल के सीधे संपर्क को समाप्त करना, और कुशल श्रमिकों द्वारा सुरक्षा उपकरणों के उपयोग के साथ सफाई कार्यों को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त, यह योजना स्वयं सहायता समूहों (SHGs) और उद्यमिता के माध्यम से श्रमिकों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है।

नमस्ते योजना के प्रमुख घटक

नमस्ते योजना अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण घटकों पर आधारित है, जो निम्नलिखित हैं:

  1. एसएसडब्ल्यू की प्रोफाइलिंग:
    योजना के तहत सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारियों (SSW) का एक व्यापक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। समर्पित प्रोफाइलिंग शिविरों के माध्यम से उनकी जानकारी एकत्र की जाती है, जिससे उनकी पहचान और कल्याण सुनिश्चित होता है। अगस्त 2025 तक, देश भर में 84,902 एसएसडब्ल्यू को मान्यता दी गई है।

  2. व्यावसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण और पीपीई किट वितरण:
    एसएसडब्ल्यू को उनके कार्य के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट प्रदान की जाती हैं। अब तक, 45,871 पीपीई किट और 354 सुरक्षा उपकरण किट आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयों (ERSU) को वितरित किए गए हैं।

  3. स्वच्छता प्रतिक्रिया इकाइयों (SRU) को सहायता:
    जोखिम भरे सफाई कार्यों में लगे SRU को उनकी दक्षता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

  4. आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई के तहत स्वास्थ्य बीमा:
    एसएसडब्ल्यू और उनके परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) और राज्य स्वास्थ्य योजनाओं के तहत नामांकित किया जा रहा है। अब तक, 54,140 लाभार्थियों को इस योजना के तहत कवर किया गया है।

  5. आजीविका सहायता और उद्यम विकास:
    राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम (NSKFDC) के माध्यम से पूंजीगत सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। स्वच्छता उद्यमी योजना (SUY) के तहत एसएसडब्ल्यू और उनके आश्रितों को स्वच्छता उपकरण और वाहन प्राप्त करने में सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त, 707 सफाई कर्मचारियों को 20.36 करोड़ रुपये की पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की गई है।

  6. मंत्रालयों के बीच अभिसरण:
    नमस्ते योजना सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के बीच समन्वय को बढ़ावा देती है। यह स्वच्छ भारत मिशन (SBM), दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM), और NSKFDC जैसे कार्यक्रमों के संसाधनों का उपयोग करती है।

  7. सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान:
    शहरी स्थानीय निकायों और NSKFDC द्वारा इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया, होर्डिंग्स और सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। ये अभियान हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषाओं में संचालित किए जा रहे हैं।

  8. प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस):
    योजना की प्रभावी निगरानी और डेटा प्रबंधन के लिए एक समर्पित वेबसाइट और मजबूत MIS लागू किया गया है।

नमस्ते योजना की प्रासंगिकता

नमस्ते योजना सीवर और सेप्टिक टैंक कर्मचारियों (एसएसडब्ल्यू) के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह निम्नलिखित पहलुओं के माध्यम से परिवर्तनकारी प्रभाव डाल रही है:

  1. जीवन के लिए संकट पैदा करने वाले खतरों का समाधान:
    मैन्युअल सफाई के दौरान एसएसडब्ल्यू को जहरीली गैसों, खतरनाक कचरे और शारीरिक जोखिमों का सामना करना पड़ता है। नमस्ते योजना मशीनीकरण को बढ़ावा देकर और पीपीई किट प्रदान करके इन जोखिमों को कम करती है, जिससे मृत्यु दर और रुग्णता में कमी आती है।

  2. सम्मान और सामाजिक सुरक्षा:
    सामाजिक रूप से पिछड़े श्रमिक अक्सर अनौपचारिक परिस्थितियों में काम करते हैं और सामाजिक कलंक का सामना करते हैं। नमस्ते योजना प्रोफाइलिंग, स्वास्थ्य बीमा, और आजीविका सहायता के माध्यम से इन श्रमिकों को औपचारिक प्रणालियों में एकीकृत करती है, जिससे उनकी सामाजिक मान्यता और वित्तीय स्थिरता बढ़ती है।

  3. प्रणालीगत परिवर्तन:
    मशीनीकरण और अंतर-मंत्रालयी समन्वय के माध्यम से, नमस्ते योजना स्वच्छता प्रथाओं को टिकाऊ और तकनीक-आधारित बनाती है। यह अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों की दक्षता को बढ़ाती है और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

प्रमुख उपलब्धियां

नमस्ते योजना ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • उन्नत सुरक्षा उपाय: 45,871 पीपीई किट और 354 सुरक्षा उपकरण किट वितरित किए गए हैं, जिससे खतरनाक कचरे के संपर्क में कमी आई है।

  • स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा: 54,140 लाभार्थियों को आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाई और राज्य स्वास्थ्य योजनाओं के तहत कवर किया गया है।

  • आर्थिक सशक्तिकरण: 707 सफाई कर्मचारियों को 20.36 करोड़ रुपये की पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की गई है। 1,089 कार्यशालाएं खतरनाक सफाई की रोकथाम के लिए आयोजित की गई हैं।

  • संस्थागत ढांचा: देश भर में 568 उत्तरदायी स्वच्छता प्राधिकरण (RSA) और 642 आपातकालीन प्रतिक्रिया स्वच्छता इकाइयां (ERSU) गठित की गई हैं।

कचरा बीनने वालों को शामिल करना

नमस्ते योजना ने जून 2024 में कचरा बीनने वालों को अपने लक्ष्य समूह में शामिल किया। कचरा बीनने वाले ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (SWM) इकोसिस्‍टम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन उन्हें औपचारिक मान्यता और सामाजिक सुरक्षा की कमी का सामना करना पड़ता है। अगस्त 2025 तक, 37,980 कचरा बीनने वालों को मान्यता दी गई है।

वेस्ट पिकर एन्यूमरेशन ऐप

विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने वेस्ट पिकर एन्यूमरेशन ऐप लॉन्च किया। इस ऐप का उद्देश्य 2.5 लाख कचरा बीनने वालों का प्रोफाइल बनाना, उन्हें व्यावसायिक फोटो आईडी कार्ड, स्वास्थ्य बीमा, पीपीई किट, कौशल विकास, और पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करना है। यह पहल कचरा बीनने वालों को औपचारिक रूप से अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली में एकीकृत करती है, जिससे उनकी आजीविका और सामाजिक सुरक्षा में सुधार होता है।

 नमस्ते योजना एक मील का पत्थर

नमस्ते योजना सफाई कर्मचारियों और कचरा बीनने वालों के लिए एक समावेशी, सुरक्षित और टिकाऊ स्वच्छता इकोसिस्‍टम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मशीनीकरण, स्वास्थ्य बीमा, आजीविका सहायता, और अंतर-मंत्रालयी समन्वय के माध्यम से, यह योजना न केवल मृत्यु दर को कम कर रही है, बल्कि श्रमिकों के सम्मान और सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दे रही है। 84,902 एसएसडब्ल्यू और 37,980 कचरा बीनने वालों की मान्यता, 45,871 पीपीई किट और 354 सुरक्षा उपकरण किट का वितरण, और 54,140 लाभार्थियों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज इसकी परिवर्तनकारी क्षमता को दर्शाता है।

कचरा बीनने वालों को शामिल करना और वेस्ट पिकर एन्यूमरेशन ऐप का शुभारंभ पर्यावरणीय न्याय और सर्कुलर इकोनॉमी के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। नमस्ते योजना भारत के स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन ढांचे को और अधिक समावेशी, टिकाऊ और समतामूलक बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!