राजनीति

विभिन्न संगठनों ने फुटपाथ व्यवसायियों को जबरन हटाने के विरोध में डीएम को सौंपा ज्ञापन

देहरादून 16 जनवरी। विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों  ने पीड़ित रेहड़ी, पटरी, फुटपाथ व्यवसायियों की समस्या पर आज जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका सिंह से भेंटकर उन्हे इन व्यवसायियों‌ की समस्या पर ज्ञापन दिया तथा ‌अविलम्ब इनका उत्पीड़न रोकते हुऐ उन्हें वैन्डरजोन घोषित होने तक रोजगार की अनुमति प्रदान करने‌ का अनुरोध किया ।

इस अवसर पर प्रतिनिधिमण्डल ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन, नगरनिगम तथा पुलिस की टीमें लाईसेंसधारियों तथा फुटपाथ के तहत रजिस्टर्ड अन्य लघु  व्यवसायियों, फुटपाथ तथा फुटपाथ से काफी दूर रोजगार कर रहे लघु  व्यवसायियों को भी नहीं बख्स  रही है तथा उनका सामान भी जब्त कर रही।  उनसे जबरन चालान बसूली‌ हो रही है ।

प्रतिनिधि मण्डल ने जिलाधिकारी को अवगत कराया ऐसे  लघु  व्यवसायी रोजगार न होने के चलते भुखमरी के‌ कगार पर हैं। यदि जल्दी इनके रोजगार के विषय  में नहीं सोचा गया तो स्थिति और अधिक गम्भीर हो सकती है।

जिलाधिकारी  ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि शीघ्र  ही वे अपने स्तर से लघु  व्यवसायियों के हित में न्यायोचित कदम उठायेंगी।

जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है‌ कि रेहड़ी, पटरी, फुटपाथ व्यवसायियों को जबरन बेदखली  सर्वोच्च न्यायालय एवं उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ‌के दिशा निर्देशों की अवहेलना है ।

ज्ञापन में कहा गया है कि जिला प्रशासन एवं सरकार फुटपाथ व्यवसायियों के सन्दर्भ में सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों का पालन करे तथा वैन्डर जोन घोषित करे , जहाँ पर इन लोगों का रोजगार चल सके ।

 

इस अवसर पर सीपीएम नगर सचिव अनन्त आकाश, सपा के प्रदेश महामंत्री अतुल शर्मा, भीम  आर्मी के महानगर अध्यक्ष आजम खान, आयूपी के अध्यक्ष नवनीत गुसाई, आन्दोलनकारी परिषद के सुरेश कुमार, चिन्तन सकलानी आदि मौजूद थे इससे ‌पहले जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष विभिन्न राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों ने उपजिलाधिकारी शालिनी नेगी को जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन दिया तथा उनसे वार्ता का अनुरोध किया । इस अवसर  सीपीएम के जिला सचिव राजेन्द्र पुरोहित,आयूपी के उपाध्यक्ष बालेश बबानिया, चेतना आन्दोलन के शंकर गणेश, बार कौंसिल उत्तराखण्ड के सदस्य ‌एडवोकेट रंजन सोलंकी, नेताजी संघर्ष समिति के प्रभात डण्डरियाल ,राजेश रावत, अमर सिंह आदि प्रमुख थे ।

 

 

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