दो दिन में सेना पर दूसरा आतंकी हमला: JCO समेत 5 जवान शहीद, 5 घायल; दो महीने में सेना के वाहन पर दूसरा हमला
जम्मू, 9 जुलाई । जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार (8 जुलाई) को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए। हमले में घायल 5 जवानों को कठुआ के बिलावर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से देर रात पठानकोट मिलिट्री हॉस्पिटल रेफर किया गया है।
सेना के सूत्रों के मुताबिक, यह हमला 3 आतंकियों ने किया था। वे एडवांस हथियारों से लैस थे। ये आतंकी हाल ही में सीमा पार से घुसपैठ करके आए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमले के लिए एक लोकल गाइड ने भी आतंकियों की मदद की थी।आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ दूसरे दिन भी जारी है।
सेना पर हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है। यह संगठन प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ही एक शाखा मानी जाती है।
KT-213 ने एक पोस्ट में लिखा- ‘कठुआ के बडनोटा में भारतीय सेना पर हैंड ग्रेनेड और स्नाइपर गन से हमला किया है। यह डोडा में मारे गए 3 मुजाहिदीन की मौत का बदला है। जल्द ही और ज्यादा हमले किए जाएंगे। ये लड़ाई कश्मीर की आजादी तक चलती रहेगी।’
गौरतलब है कि यह 2 दिन में सेना के वाहन पर दूसरा आतंकी हमला है। इससे पहले 4 मई को पुंछ के शाहसितार इलाके में एयरफोर्स के काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें कॉर्पोरल विक्की पहाड़े शहीद हो गए थे और 4 अन्य जवान घायल हो गए थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों के दो वाहनों पर भारी फायरिंग की। दोनों गाड़ियां सनाई टॉप जा रही थीं।
रविवार (7 जुलाई) की सुबह आतंकियों ने राजौरी जिले के मंजाकोट इलाके में एक आर्मी कैंप पर हमला किया था। इसमें एक जवान घायल हो गया। जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद आतंकी घने जंगल के रास्ते भाग गए। सेना और पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
दो दशक बाद कठुआ के पुराने रूट पर लौटे आतंकी
कठुआ के जिस इलाके में आतंकियों ने इस घटना को अंजाम दिया है, वो दो दशक पहले तक पाकिस्तानी आतंकियों का कश्मीर में दहशत फैलाने के लिए पसंदीदा रूट रहा था. 90 के दशक में यह इलाका आतंकियों का बड़ा गढ़ माना जाता था, लेकिन पिछले दो दशक में यहां आतंकी वारदातें पूरी तरह थम गई थीं और पाकिस्तानी आतंकियों का पूरा फोकस कश्मीर घाटी पर हो गया था. अब दो दशक बाद आतंकियों का दोबारा इस पुराने रूट का इस्तेमाल करते हुए हमले को अंजाम देना चिंता की बात मानी जा रही है.
इस हमले में भी अमेरिकी असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल
बताया जा रहा है कि कठुआ अटैक में पाकिस्तानी आतंकियों ने एक बार फिर अमेरिकी असॉल्ट राइफल M4 का इस्तेमाल किया है, जो अमेरिकी कमांडोज के पास रहती है. यह बेहद घातक राइफल है. कश्मीर घाटी में पिछले एक महीने से आई आतंकी हमलों की बाढ़ में कई घटनाओं के दौरान इस राइफल का इस्तेमाल आतंकियों ने किया है. पिछले साल दिसंबर में पुंछ में हुए बड़े आतंकी हमले में भी यह राइफल इस्तेमाल की गई थी, जबकि पिछले महीने 9 जून को रियासी में वैष्णो देवी जा रही श्रद्धालुओं की बस पर फायरिंग में भी INSAS के साथ M4 राइफल के इस्तेमाल की पु्ष्टि हुई थी. इस राइफल में चीन में बनी स्टील बुलेट्स भी चल सकती हैं, जो बुलेटप्रूफ को भी छेदकर पार हो जाती हैं. 1980 के दशक में अमेरिकी सेना के लिए डेवलप की गई यह राइफल बेहद हल्की और बहुत मारक होती है. इसका निशाना सटीक व भरोसेमंद माना जाता है. हल्की होने के चलते इसे उठाकर मीलों की दूरी तय करना भी आसान होता है.
एक महीने में एक दर्जन आतंकी हमले, क्या विधानसभा चुनाव हैं निशाने पर?
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवाद पर शिकंजा कसा था, लेकिन पिछले एक महीने में अचानक आतंकी हमलों में बहुत तेजी आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृ्त्व में दिल्ली में तीसरी बार NDA सरकार के शपथ ग्रहण के दौरान 9 जून को रियासी में आतंकी हमले से इसकी शुरुआत हुई थी. इसके बाद डोडा, कुलगाम, अनंतनाग, पुंछ और अब कठुआ में करीब 1 दर्जन आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है, जिसमें करीब डेढ़ दर्जन जवान शहीद हो चुके हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकी हमलों में बढ़ोतरी का कनेक्शन जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव से हो सकता है. कश्मीर घाटी में इस बार लोकसभा चुनावों के दौरान रिकॉर्ड मतदान हुआ था, जिसे लोगों की लोकतंत्र में बढ़ती दिलचस्पी से जोड़ा जा रहा है. माना जा रहा है कि आतंकियों के पाकिस्तानी आका जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को डांवाडोल करना चाहते हैं, जिसके चलते ये आतंकी हमले बढ़े हैं.
‘आतंकी हमलों का हल कठोर कार्रवाई से होगा, खोखले भाषणों से नहीं’
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस आतंकी हमले पर शोक जताया है, लेकिन साथ ही उन्होंने पीएम मोदी की सरकार पर भी निशाना साधा है. राहुल ने ट्वीट में कहा,’जम्मू-कश्मीर के कठुआ में भारतीय सेना के वाहन पर हुए आतंकी हमले का समाचार अत्यंत दुखद है. मातृभूमि के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने वाले शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोक संतप्त परिजनों को अपनी गहन संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. घायल जवानों के शीघ्र से शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. हमारी सेना पर ये कायरतापूर्ण हमले अत्यधिक निंदनीय हैं. एक महीने के अंदर पांचवा आतंकी हमला देश की सुरक्षा और हमारे जवानों के जीवन पर भयंकर आघात है. लगातार हो रहे आतंकी हमलों का हल कठोर कार्रवाई से होगा, न कि खोखले भाषणों और झूठे वादों से. इस दुख की घड़ी में हम मजबूती से देश के साथ खड़े हैं.’