आयुष मंत्रालय ने हीटवेव के संबंध में सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए जारी की सावधानियां
In the wake of rising temperatures and India Meteorological Department (IMD) advisories issued to various regions, the Ministry of Ayush has initiated a nationwide sensitisation drive through its network of institutions spread across the country. The efforts aim to spread awareness about heatwave preventive measures. Institutes and organizations under the Ministry of Ayush are conducting a range of activities to educate citizens about heatwave prevention, including awareness sessions, distribution of IEC materials etc. The drive emphasizes tips and traditional wellness practices backed up by scientific evidence to help citizens stay safe during extreme heatwave conditions.
नयी दिल्ली, 21 मार्च। बढ़ते तापमान और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा विभिन्न क्षेत्रों को जारी की गई सलाह के मद्देनजर, आयुष मंत्रालय ने देश भर में फैले संस्थानों के अपने नेटवर्क के माध्यम से राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान शुरू किया है। इन प्रयासों का उद्देश्य हीटवेव से बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता फैलाना है।
आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संस्थान और संगठन नागरिकों को हीटवेव की रोकथाम के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता सत्र, आईईसी सामग्री का वितरण आदि सहित कई गतिविधियां आयोजित कर रहे हैं। यह अभियान नागरिकों को अत्यधिक हीटवेव की स्थिति के दौरान सुरक्षित रहने में मदद करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणों द्वारा समर्थित सुझावों और पारंपरिक कल्याण प्रथाओं पर जोर देता है।
जामनगर स्थित आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) ने स्थानीय आबादी को बढ़ते तापमान के हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं। आईटीआरए ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रति अपनी सतत प्रतिबद्धता के तहत 20 मार्च, 2025 को निवासियों को शिक्षित करने और उनकी सुरक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण गतिविधि आयोजित की-विशेष रूप से उन लोगों को जो गर्मी की महामारी से जुड़े जोखिमों की वजह से इसके बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आते हैं।
अभियान के दौरान आईटीआरए अस्पताल और आस-पास के क्षेत्र में शैक्षिक पर्चे बांटे गए। ये द्विभाषी पुस्तिकाएं गर्मी से संबंधित बीमारियों को रोकने के लिए बहुत सारा पानी पीना, पीक आवर्स के दौरान सीधी धूप से बचना और गर्मी के तनाव के शुरुआती चेतावनी संकेतों को पहचानना जैसे महत्वपूर्ण सुझाव और व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को वह ज्ञान प्रदान करना है जिसकी उन्हें आवश्यकता है।
डॉ. जयप्रकाश राम ने हीटवेव जागरूकता: ज्ञान, रोकथाम और उपचार पर एक प्रेरक और जानकारीपूर्ण व्याख्यान दिया। आरएआरआई अहमदाबाद में आयोजित इस जीवंत कार्यक्रम ने ओपीडी रोगियों, उनके परिवारों और संस्थान के समर्पित कर्मचारियों को लू (हीटवेव) के खतरों से आत्मविश्वास और देखभाल के साथ निपटने के लिए सामूहिक जागरूकता के लिए एक साथ लाया।
केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, झज्जर की डॉ. प्रीति ने योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा की उपचारात्मक शक्तियों के माध्यम से हीटवेव जागरूकता पर मरीजों और कर्मचारियों को मार्गदर्शन दिया।
डॉ.जयप्रकाश राम, आरएआरआई, अहमदाबाद
हीटवेव की रोकथाम के संबंध में स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक के तहत आयुष वर्टिकल से सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह का परिशिष्ट
- हाइड्रेटेड रहें: अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए दिन भर में खूब पानी पिएं। तरल पदार्थ के स्तर को बनाए रखने और ठंडा रहने के लिए आप छाछ, नारियल पानी और फलों के रस भी शामिल कर सकते हैं।
- शीतल पेय पदार्थों का उपयोग करें: अपनी दिनचर्या में प्राकृतिक रूप से शीतल पेय पदार्थ जैसे नारियल पानी, नींबू का रस या फलों को शामिल करें। ये शरीर के तापमान को कम करने और आपको तरोताजा रखने में मदद करते हैं।
- सीधी धूप से बचें: बाहर जाते समय, धूप से बचने के लिए छाता या चौड़ी टोपी पहनें। इससे हीटस्ट्रोक और सनबर्न से बचाव होता है।
- हल्का भोजन करें: घर से निकलने से पहले हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन करें। भारी या तैलीय भोजन से बचें, क्योंकि ये शरीर की गर्मी बढ़ा सकते हैं।
- उचित कपड़े पहनें: सूती जैसे कपड़ों से बने पूरी आस्तीन वाले, ढीले-ढाले कपड़े पहनें। यह सीधे सूर्य की रोशनी से बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है और आपको ठंडा रखने में मदद करता है।
- ठंडे पानी के अर्क का उपयोग करें: अपने पीने के पानी को ठंडा करने वाली सामग्री जैसे खस (वेटिवर), सारिवा (भारतीय सरसपैरिला), जीरा (जीरा), और धान्यक (धनिया के बीज) से तैयार करें। यह शरीर की गर्मी को कम करने में मदद कर सकता है।
- सत्तू आधारित पेय का आनंद लें: ठंडक और ताजगी के लिए सत्तू (भुने हुए जौ या चने से बना मोटा पाउडर) को गुड़ या सेंधा नमक के साथ मिलाकर सेवन करें।
- ठंडक देने वाले स्नैक्स खाएं: ठंडक देने वाले गुणों के कारण अपने आहार में फालसा, मुनक्का, लाजा और पेठा जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
- ठंडक देने वाले लेप लगाएं: गर्म मौसम में त्वचा को ठंडक पहुंचाने के लिए चंदन और वेटिवर जैसे सुगंधित औषधीय पौधों से बने लेप का उपयोग अपनी त्वचा पर करें।
- हाइड्रेटिंग फल और सब्ज़ियां शामिल करें: ऐसे फल और सब्ज़ियां खाएं जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो, जैसे अंगूर, खीरा, तरबूज़, सिंघाड़ा, खरबूजा, आम और गन्ने का जूस। बेल का शर्बत भी गर्मी से बचने का एक बेहतरीन विकल्प है।
- चीनी के साथ दूध पीएं: हाइड्रेटेड रहने और ऊर्जा बनाए रखने का एक सरल तरीका चीनी के साथ दूध पीना है।
- दोपहर की झपकी लें: दिन के सबसे गर्म समय में आराम करने से गर्मी से संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करने और अपनी ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने में मदद मिल सकती है। गर्म मौसम में थोड़ी देर की झपकी ताज़गी देने वाली और फ़ायदेमंद हो सकती है।
क्या न करें :
- दिन के सबसे गर्म घंटों के दौरान बाहर जाने से बचें। आमतौर पर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच सूर्य सबसे तेज होता है।
- यदि आपको दोपहर में बाहर जाना ही पड़े, तो अधिक गर्मी और निर्जलीकरण से बचने के लिए अधिक मेहनत वाले कार्य करने से बचें।
- अपने पैरों को गर्म सतहों पर जलने से बचाने के लिए नंगे पैर बाहर न जाएं।
- दिन के सबसे गर्म समय में खाना पकाने से बचें। अगर आपको खाना बनाना ही है, तो ताज़ी हवा आने के लिए दरवाज़े और खिड़कियां खोलकर उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
- शराब, चाय, कॉफी और उच्च चीनी सामग्री वाले कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन कम करें या उनसे बचें। इनसे तरल पदार्थ की हानि बढ़ सकती है या पेट में ऐंठन हो सकती है।
- बच्चों या पालतू जानवरों को कभी भी पार्क की गई गाड़ी में न छोड़ें, चाहे थोड़े समय के लिए ही क्यों न हो। अंदर का तापमान तेज़ी से बढ़कर ख़तरनाक स्तर तक पहुंच सकता है।