पिंडर घाटी में मानसून का कहर: पत्थरों की चपेट में आकर ग्रामीण की मौत, दर्जनों सड़कें बंद, कई गांवों पर खतरा मंडराया

-हरेंद्र बिष्ट की रिपोर्ट-
थराली, 31 अगस्त । दैवी आपदा का कहर झेल रही पिंडर घाटी में जनहानि का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार को देवाल विकासखंड के अंतर्गत खेता-मानमती ग्राम पंचायत के ड़ाडन तोक निवासी एक ग्रामीण की पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत खेता-मानमती के ड़ाडन तोक निवासी महेंद्र सिंह गड़िया, पुत्र आलम सिंह गड़िया, शनिवार को गांव के पास के जंगलों में हांक कर ले जाए गए मवेशों को वापस लाने गए थे। लेकिन देर शाम तक जब वे घर नहीं लौटे, तो चिंतित परिजनों और ग्रामीणों ने उनकी खोजबीन शुरू कर दी। सोमवार तड़के जंगल में उनका शव मिला। आशंका जताई जा रही है कि पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

थराली थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर देवाल पुलिस चौकी प्रभारी सत्येंद्र बुटोला के नेतृत्व में पुलिस और डीडीआरएफ की टीम को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है। बताया गया कि घटनास्थल थाना थराली से लगभग 35 किलोमीटर दूर है और वहां तक पहुंचने वाला देवाल-सुयालकोट-खेता मोटर मार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध पड़ा हुआ है। ऐसे में ग्रामीणों और राहत-बचाव टीम को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
भारी बारिश से ठप हुआ जनजीवन, गांवों पर बढ़ा खतरा
शनिवार शाम से शुरू हुई तेज बारिश ने एक बार फिर पिंडर घाटी के जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। भारी बारिश के कारण पिंडर घाटी के राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग, जिला और ग्रामीण सड़कों पर जगह-जगह मलबा आने और भूस्खलन से यातायात ठप हो गया। कई गांवों में भूस्खलन और भू-धंसाव से खतरा और बढ़ गया है।
शनिवार शाम से रविवार दोपहर 1 बजे तक लगातार हुई बारिश से सिमली-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग हरमनी, कुलसारी, बैनोली समेत कई स्थानों पर मलबा आने से अवरुद्ध हो गया। बीआरओ के जवानों ने कड़ी मशक्कत कर मार्ग को खोलने में सफलता पाई।
लोनिवि थराली के सहायक अभियंता जे.के. टम्टा के अनुसार, राजमार्ग-90 (थराली-देवाल-वांण) मोटर मार्ग किमी 26 (ल्वाणी तक) खुला है। हालांकि यह मार्ग किमी 1, 5 और 15 पर बंद हुआ था, जिसे मशीनों की मदद से खोल दिया गया। राजमार्ग-91 (ग्वालदम-नंदकेशरी) मार्ग किमी 14 पर अवरुद्ध था, जिसे रविवार सुबह 10 बजे तक खोल दिया गया। लगातार बारिश के चलते कई सड़कें बंद रहीं, हालांकि कुछ को आंशिक रूप से यातायात के लिए खोला जा चुका है।
लगातार 17 घंटे से अधिक समय तक हुई बारिश से थराली और इसके आसपास का इलाका आपदाग्रस्त बना हुआ है। थराली प्रखंड के ग्राम जोला के तल्ला घनियाल बस्ती में घरों के आगे और पीछे चौड़ी दरारें आ गई हैं, जिससे गांव में दहशत का माहौल है। यहां 12 परिवारों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
देवाल ब्लॉक के ल्वाणी और लिगड़ी गांवों में भी लगातार भूस्खलन और भू-धंसाव से कई परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। रविवार को भी कई आपदाग्रस्त गांवों में पेयजल, विद्युत और संचार सेवाएं ठप रहीं, जिससे लोगों का सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
