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ऑपरेशन कालनेमि के तहत 511 फर्जी साधू किये गिरफ्तार

 

  • तीन जिलों में 4,802 से अधिक लोगों का सत्यापन, 724 मुकदमे और 511 गिरफ्तारियाँ
  • अवैध रूप से रह रहे 19 बांग्लादेशी गिरफ्तार, 10 डिपोर्ट—9 पर कार्रवाई जारी
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बोले—आस्था के नाम पर पाखंड और अवैध गतिविधियों को बख्शा नहीं जाएगा

देहरादून, 27 दिसंबर। राज्य सरकार द्वारा धर्म और आस्था की आड़ में हो रही ठगी, पाखंड और अवैध गतिविधियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन कालनेमि’ 10 जुलाई से प्रदेशभर में चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य देवभूमि की पवित्रता के साथ-साथ कानून-व्यवस्था को मजबूत करना और जनता के विश्वास की रक्षा करना है।
इस अभियान के तहत हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंहनगर जैसे संवेदनशील जिलों में बड़े पैमाने पर सत्यापन और प्रवर्तन कार्रवाई की गई है।
हरिद्वार में 3,091 लोगों का सत्यापन, जिनमें 715 मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए और 305 गिरफ्तारियाँ हुईं।
देहरादून में 1,711 लोगों का सत्यापन, 206 गिरफ्तारियाँ, 09 मुकदमे दर्ज और 380 लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई।
ऊधमसिंहनगर में 220 संदिग्धों के खिलाफ प्रभावी कानूनी कार्रवाई की गई।
प्रदेश स्तर पर अब तक 4,802 से अधिक लोगों का सत्यापन, 724 मुकदमे दर्ज और 511 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
साथ ही अवैध रूप से रह रहे 19 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 10 को डिपोर्ट किया जा चुका है, जबकि शेष के मामले विधिक प्रक्रिया में हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह अभियान किसी वर्ग या समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था और देवभूमि की गरिमा की रक्षा के लिए है। आस्था का सम्मान पूरी तरह किया जाएगा, लेकिन आस्था की आड़ में अपराध, धोखाधड़ी और अवैध गतिविधियों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि देवभूमि की अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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