हवलदार जयकृत सिंह कठेत का सैनिक सम्मान के साथ हुआ हरिद्वार में अंतिम संस्कार
देहरादून, 26 फरबरी। असम राइफल्स के दिवंगत हवलदार जय कृत सिंह कथेत का आज बुधवार को हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित शमशान घाट पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। चमोली गढ़वाल के नंदप्रयाग निवासी स्वर्गीय जयकृत सिंह को उनकी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पदक से अलंकृत किया गया था । वह अपने पीछे एक पुत्र और एक पुत्री तथा पत्नी छोड़ गये हैं।
वह असम राइफल्स की एक यूनिट में पूर्वोत्तर में तैनात थे तथा कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे. उनका सोमवार को कोलकाता स्थित सैन्य अस्पताल में निधन हो गया था। गत रात्रि उनकी पार्थिव देह देहरादून के श्यामपुर स्थित उनके निवास पहुंची, जहाँ आज सुबह सेना की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया तथा एक टुकड़ी ने खड़खड़ी स्थित शमशान घाट पर अंतिम विदाई दी।
जयकृत सिंह सिंह एक जांबाज सैनिक थे और उग्रवाद ग्रस्त मणिपुर आदि क्षेत्रों में तैनात रह कर उग्रवादियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उनकी इसी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पदक मिला था। वह एक शानदार सैनिक परम्परा के परिवार से सम्बद्ध थे। वह वरिष्ठ पत्रकार और लेखक जयसिंह रावत के भांजे थे।