नमामि गंगे को लेकर टीएमयू और जल शक्ति मंत्रालय के बीच हुआ एमओयू

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नमामि गंगे यूनिवर्सिटीज़ कनेक्ट प्रोग्राम के तहत इस मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टेंडिंग पर टीएमयू की ओर से डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने किए हस्ताक्षर

ख़ास बातें :

  • नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा मिशन को लेकर एमओयू पहली श्रृंखला
  • हमारे छात्र समझेंगे जल संरक्षण का महत्व: कुलाधिपति श्री सुरेश जैन
  • केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत रहे बतौर चीफ गेस्ट
  • यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार रहे मौजूद
  • एआईसीटीई चेयरमैन डॉ. टीजी सीताराम की भी रही उल्लेखनीय उपस्थिति

मुरादाबाद, 13 अप्रैल।तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के बीच नमामि गंगे यूनिवर्सिटीज़ कनेक्ट प्रोग्राम के तहत वाटर कन्जर्वेंशन को लेकर ऐतिहासिक एमओयू साइन हुआ है। टीएयमू की ओर से डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने इस एमओयू पर साइन किए हैं। टीएमयू के संग-संग देश भर की दीगर यूनिवर्सिटीज भी इस एमओयू कैंपेन में शामिल रही हैं। नई दिल्ली के ताज एंबेडसर में आयोजित इस समारोह में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के अलावा नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के सेक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल श्री जी. अशोक कुमार, यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के चेयरमैन प्रो. एम. जगदीश कुमार, ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन के चेयरमैन डॉ. टीजी सीताराम सरीखी हस्तियां मौजूद रहीं। टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन इस एमओयू को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहते हैं, यूनिवर्सिटी के युवा जल के संरक्षण के महत्व को समझेंगे।

इस अविस्मरणीय पल की टीएमयू की डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन के संग-संग दीगर यूनिवर्सिटीज़ के प्रतिनिधि भी साक्षी रहे। उल्लेखनीय है, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा मिशन के अंतर्गत जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से यह अपनी तरह की पहली श्रृंखला है, जो देश की लीडिंग यूनिवर्सिटीज़ के साथ युवाओं में रीवर रेजुवेनेशन, वाटर कन्जर्वेंशन और क्लीननेस आस्पेक्ट्स आदि के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए शुरू की गई है। दिल्ली से लौटकर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन कहती हैं, यह न केवल यूनिवर्सिटी के लिए गौरव के पल हैं, बल्कि यूनिवर्सिटी के युवाओं के लिए यह एमओयू मील का पत्थर साबित होगा। युवा न केवल पर्यावरण अवेयर होंगे, बल्कि वाटर कर्न्जेंवेशन और क्लीननेस आस्पेक्ट्स के महत्व को समझेेंगे।

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