आपदा/दुर्घटना

दावा डबल इंजन सरकार का-9 हेली ऑपरेटरों  में किसी के पास भी डबल इंजन हेलीकॉप्टर नहीं  ?

केदारनाथ में हेली कम्पनियों की  उच्च स्तरीय जांच की मांग

देहरादून,  15 जून । मूल निवास भू कानून सँघर्ष समिति ने केदारनाथ में एक बार फिर हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद हेली कम्पनियों के ऊपर उच्च स्तरीय जाँच की मांग की है ।

सँघर्ष समिति के संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा है कि लगातर हो रही हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं से सरकार सबक नही ले रही है । केदारनाथ यात्रा में काम रही 9 हेली कम्पनियों में एक का भी हेलीकॉप्टर डबल इंजन नही है ।

टोडरिया ने कहा कि अभी तक यात्रा काल मे 8000 से ज्यादा बार हेलीकॉप्टर उड़ान भर चुके है और आज हुई दुर्घटना भी सुबह 5.30 बजे के लगभग हुई जो दर्शाता है कि हेलीकॉप्टर धड़ल्ले से केदार घाटी के ऊपर उड़ रहे है । हेलीकॉप्टर पर होने वाले भार की अनदेखी ही रही है । जहाँ एक हेलीकॉप्टर में 250 किलो तक के भार का नियम है वहीं हेलीकॉप्टर 400 किलो तक के भार के साथ उड़ान भर रहे है । लगातर उड़ान भर रहे हेलिकॉप्टरों से केदारनाथ वन प्रभाग के वन्य जीवों और पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है ।

टोडरिया ने कहा कि हेलीकॉप्टर न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे है बल्कि सांस्कृतिक एवं धार्मिक तौर में भी स्थानीय परम्पराओं पर भी कुठाराघात कर रहे है । बद्रीनाथ के कपाट खुलने के समय मंदिर के ऊपर हेलीकॉप्टर चला कर पुष्प वर्षा करना ऐसा ही एक कृत्य था जिसका विरोध उत्तराखण्ड तीर्थपुरोहित चारधाम महापंचायत ने भी उस समय किया था ।

टोडरिया ने मांग की ऐसी दुर्घटनाओं को देखते हुए तत्काल प्रभाव से हेलीकॉप्टर सेवाओं पर रोक लगनी चाहिए और सभी हेली कम्पनियों की उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए।

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