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पिंडर घाटी के डेढ़ दर्जन से अधिक गावों का सम्पर्क अभी भी कटा है शेष दुनिया से : सड़कें, पुल, बिजली और फोन सब दे गये धोखा

-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट –

थराली, 16 अगस्त। पिंडर क्षेत्र के देश दुनिया से अलग थलग पड़े थराली विकासखंड के आधे दर्जन से अधिक गांवों, विकासखंड देवाल के पिंडारी क्षेत्र के 10 गांवों से अधिक एवं देवाल वांण गांव का सीधा यातायात संपर्क दूसरे दिन भी कायम नही हो सका है। हालांकि प्रशासन के द्वारा स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी इन गांवों को यातायात से जोड़ने के साथ ही सोल क्षेत्र एवं वांण गांव में विद्युत आपूर्ति सूचारु करने का प्रयास किया गया किंतु सफलता हासिल नही हो पाईं।

       थराली में एहैतुक राशि का चैको का वितरण करते तहसीलदार।

रविवार को आई भारी आपदा के कारण पिंडर घाटी का सामान्य जनजीवन अभी पटरी पर नही लौट पाया है।थराली- सोल डुंग्री मुख्य मोटर सड़क के प्राणमती गांव से आगे मोटर पुल से करीब 50 मीटर वासआउट हो गया था।जिसे खोलने के लिए पीएमजीएसवाई कार्णप्रयाग के द्वारा मंगलवार को प्रयास तो शुरू किए गए किंतु सड़क को खोलने में सफलता हासिल नही हुई हैं।

इस क्षेत्र के मैन, केरा, डुंग्री रूईसाण ,बूंगा, बुरसोल, डाडरबगड़ आदि गांवों का यातायात संपर्क ब्लाक मुख्यालय थराली से कटा हुआ हैं। जबकि इस क्षेत्र के रतगांव का सम्पर्क सोल क्षेत्र के अन्य गांवों से कटा हुआ हैं।इसी तरह से थराली नगर क्षेत्र के थराली गांव की एक बड़े हिस्से की थराली गांव की आवादी नगर क्षेत्र से कटी हुई हैं।

थराली गांव के कक्षा 1 से 12 तक पढ़ने वाले छात्र, छात्राएं दूसरे दिन भी थराली स्कूल, कालेजों में नही जा पाये। ग्रामीणों को जरूरी कामों के लिए थराली बाजार आने के लिए सूना देवलग्वाण,सूना तल्ला, कुलसारी होते हुए करीब 10 किमी पैदल चल कर थराली आना पड़ रहा हैं। यहां पर थराली आने के लिए बने दोनों सड़क एवं झूला पुल प्राणमती के तेज बहाव में बह गये हैं।

उधर देवाल ब्लाक के पिंडारी क्षेत्र के 10 गांवों को यातायात संपर्क के लिए जोड़ने वाली देवाल -खेता मोटर सड़क भी फिर से सुयालकोट स्लाइड जोन में बंद पड़ी हुई हैं। आपदा के कारण ब्लाक मुख्यालय देवाल से अलग-थलग पड़े वांण गांव को जानें वाली सड़क देवाल -वांण भी नही खोली जा सकी है।ये सड़क कुलिंग एवं वांण गांव के बीच बहने वाले गद्देरे में बुरकोट नाम गद्देरे में अधिक पानी के आने के कारण बंद पड़ी हुई हैं। यहां पर सड़क का नामोनिशान नही है।

पानी का बहाव अधिक होने के कारण पैदल आना-जाना भी संभव नही हो पा रहा है। मंगलवार को थराली के उपजिलाधिकारी रविंद्र जुवांठा के नेतृत्व में राजस्व विभाग, लोनिवि थराली,वन विभाग थराली की राहत टीम राहत सामग्री ले कर थराली से रवाना हुई थी। किंतु उसे मजबूरन ही बुरकोट गद्देरे से वापस लौट कर आना पड़ा। प्रभावित क्षेत्रों में दूसरे दिन भी बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। जिससे ग्रामीणों के मोबाइल फोन बंद हो गये हैं जिस कारण इन क्षेत्रों से अब संचार संपर्क भी भंग होने लगा हैं।

इन गांवों में पैदल गद्देरों में बने पुलियों के बह जाने के कारण ग्रामीणों के अंदरुनी यातायात संपर्क भी भंग हो गए हैं।एक तरह से आपदा पीड़ित गांव की दिनचर्या पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो कर रह गई हैं।
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रविवार को आई आपदा के कारण प्रभावित थराली नगर क्षेत्र के चार पीड़ित परिवारों को एहैतुक सहायता के रूप में चैको का वितरण कर दिया गया है। थराली तहसील के तहसीलदार प्रदीप नेगी ने बताया कि थराली के खिलप सिंह, धीरेंद्र सिंह,प्रेम सिंह एवं राधा देवी को एहैतुक राशि के 5-5 हजार रुपए के चैकों का वितरण किया गया है

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Cover photo :  -देवाल ब्लाक के वांण गांव जाने वाली सड़क पर बुरकोट गद्देरे में पैदल रास्ता बनाते कर्मी एवं मजदूर।

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