हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर जोशीमठ महाविद्यालय में विचार गोष्ठी

ज्योतिर्मठ, 13 सितंबर (कपरुवाण)। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ में हिंदी विभाग की पहल पर हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन उत्साह और अभिमान के साथ किया गया।
मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सत्यनारायण राव ने कहा कि “हिंदी भारत और भारत-बोध को जानने की खिड़की है तथा आधुनिक भारत के वैचारिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मानस को गढ़ने में इसका योगदान अतुलनीय है।”

गौरतलब है कि प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया और वर्ष 1953 से इसे राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नवीन पंत ने कहा कि आज हिंदी में रोजगार सृजन की नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं और व्यापार, फिल्म व साहित्य के कारण इसका प्रसार वैश्विक स्तर पर हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी भाषा को बोलते समय उसके प्रति गर्व की भावना होनी चाहिए।

हिंदी व अंग्रेजी के कवि डॉ. चरणसिंह केदारखंडी ने अपने बीज व्याख्यान में कहा कि हिंदी केवल भाषा नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक भावधारा है। स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी ने विचार क्रांति के माध्यम से देश की अभूतपूर्व सेवा की है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे हिंदी में सृजनात्मक लेखन करें और इसे गौरव दिलाएं।
कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर व कवि डॉ. किशोरी लाल ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी उत्साहपूर्वक भागीदारी की। मनीषा बुटोला, पिया, शैलजा जोशी, अनामिका, काजल, दीपशिखा, खुशी, प्रेरणा, प्रभा, रिस्पना और दिव्या पँवार ने “हिंदी भाषा के क्षेत्र में रोजगार सृजन” विषय पर निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया। वहीं दीपशिखा, मनीषा बुटोला, अनुपमा, प्रभा, सीमांत सिंह और कशिश नेगी ने अपनी स्वरचित कविताओं के माध्यम से हिंदी के गौरव, इतिहास और वर्तमान लोकप्रियता पर विचार रखे।
इस अवसर पर डॉ. जी.के. सेमवाल, डॉ. नवीन कोहली, डॉ. शैलेन्द्र रावत, डॉ. राजेन्द्र सिंह राणा, डॉ. पवन कुमार, डॉ. रणजीत सिंह मर्तोलिया, डॉ. नेपाल सिंह, डॉ. राहुल तिवारी, डॉ. राहुल मिश्रा, डॉ. धीरेंद्र सिंह डुंगरियाल, डॉ. उपेंद्र सिंह राणा, डॉ. मोनिका सती, डॉ. कविता रावत, रणजीत सिंह राणा, जगदीश लाल सहित कई प्राध्यापक उपस्थित रहे।
